पिज्जा से कम जायकेदार नहीं है पिज्जा हट की कहानी, 600 डॉलर में शुरू हुई थी कंपनी

एक फिल्म का डायलॉग है कि बड़े से बड़ा बिजनेस पैसे से नहीं, एक बड़े आइडिया से बड़ा होता है. अगर आप इस बात से सहमत नहीं हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. ये कहानी है पिज्जा हट की. जी हां, जायके की दुनिया का एक बड़ा नाम बन चुका पिज्जा हट 62 साल पहले महज एक सपना था. अमेरिका के दो भाइयों का सपना और आज इसकी सफलता की कहानी मिसाल बन चुकी है.

कैसे शुरू हुई कहानी

कहानी साल 1958 से शुरू होती है. कॉलेज में पढ़ रहे दो भाई डैन और फ्रैंक कार्नी अमेरिका के कंसास के विशिटा में रहते थे. एक दिन उनके फैमिली फ्रेंड जॉन बेंडर ने उनसे कहा कि उन्हें एक पिज्जा शॉप खोलनी चाहिए. बिजनेस के लिए इन्वेस्टमेंट भी चाहिए. दोनों भाई अपनी मां के पास गए. मां ने 600 डॉलर निकालकर दे दिए. मजेदार बात ये कि दोनों भाइयों में से न तो किसी को पिज्जा बनाना आता था और न ही बिजनेस चलाना.

pizza-hut_072320052332.jpgपहला पिज्जा हट इसी जगह खुला था किराये की बिल्डिंग और सेकंड हैंड उपकरण

दोनों भाइयों ने विशिटा के 503 साउथ ब्लफ में दुकान खोलने के लिए एक बिल्डिंग किराये पर ली. पिज्जा बनाने के लिए सेकंड हैंड उपकरण खरीदे. जिस रात रेस्टोरेंट खुला, दोनों भाइयों ने लोगों को सामुदायिक हित में पिज्जा बांटा. शायद ही तब किसी ने सोचा हो कि 15 जून 1958 को खुली उस छोटी सी दुकान के 31 दिसंबर 2019 तक दुनिया भर में 18 हजार 703 रेस्टोरेंट हो जाएंगे और लोकेशन के मामले में ये दुनिया की सबसे बड़ी पिज्जा चेन बन जाएगी.

पिज्जा हट के लोगो की भी है खास कहानी

पिज्जा हट का लोगो तो सभी ने रेस्टोरेंट के बाहर देखा ही होगा. एक लाल हट के नीचे पहले पिज्जा और उसके नीचे हट अंग्रेजी में लिखा होता है और फिर पीले रंग की लाइन उनके नीचे होती है. दरअसल जब कार्नी ब्रदर्स ने पहली दुकान से शुरुआत की तो उस 56 गज की बिल्डिंग के बाहर नाम लिखने के लिए सिर्फ आठ अक्षरों की ही जगह थी इसलिए उन्होंने इसे नाम दिया- Pizza Hut, जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के आठ ही अक्षर हैं ताकि ये खांचे में आसानी से फिट हो जाए.

ऐसे दोनों भाई चढ़े तरक्की की सीढ़ियां

कहते हैं कि मेहनत का फल देर-सवेर मिलता ही है. पिज्जा हट रेस्टोरेंट को शोहरत और तरक्की इतनी तेजी से मिली कि एक साल के भीतर यानी 1959 में कंसास के टोपेका में कार्नी ब्रदर्स ने इसकी पहली फ्रेंचाइजी खोली. लोगों में अब पिज्जा हट की दीवानगी सिर चढ़कर बोल रही थी. पैसा आने लगा था. अब दोनों भाइयों ने सोचा कि उन्हें अपने ब्रैंड को अगले लेवल पर लेकर जाना चाहिए. इस दौरान दोस्तों और सहयोगियों की मदद से फ्रेंचाइजियों का विस्तार जारी रहा, जिससे कार्नी ब्रदर्स ने बिजनेस को और आगे बढ़ाया.

इसके बाद दोनों ने सोचा कि बिजनेस की पब्लिसिटी भी जरूरी है तो उन्होंने इसका विज्ञापन दिया. पिज्जा हट का पहला ऐड टीवी पर 1967 में आया और ओक्लाहोमा स्टेट फेयर में भी इसे दिखाया गया. महज 10 साल में पिज्जा हट के कनाडा और अमेरिका की कई जगहों पर 310 रेस्टोरेंट खुल चुके थे. पिज्जा हट के लोगो में जो आप लाल रंग की हट देखते हैं, उसे डिजाइन में साल 1969 में लाया गया था.

लोगों की जुबान पर चढ़ा पिज्जा हट

साल 1970 से 1980 तक पिज्जा हट दुनियाभर में शोहरत की बुलंदियों को छू रहा था. इसके मेन्यू में कई चीजें जोड़ी गईं, दूसरे देशों जैसे ब्रिटेन, जापान में इसके रेस्टोरेंट खुले और न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी लिस्ट हुई. इन्हीं 10 वर्षों में पिज्जा हट 4 हजार स्टोर्स के आंकड़े को पार कर चुका था और इसमें 10 हजार टीनेजर्स काम कर रहे थे.

पेप्सीको को कार्नी ब्रदर्स ने बेचा बिजनेस

साल 1977 में कार्नी ब्रदर्स ने आपसी सहमति से 30 करोड़ डॉलर में अपना बिजनेस पेप्सीको को बेच दिया. सेल 43.6 करोड डॉलर पर पहुंच गई और 10 लाख डॉलर में हेडक्वॉटर्स ऑफिस विशिटा में खुला. साल 1980 में कंपनी के सामने कई नए प्रतिद्वंद्वी आ गए, जो पिज्जा रेस्टोरेंट के व्यापार में उसका नंबर 1 का ताज छीनना चाहते थे, जिसका सिर्फ अमेरिका में ही सालाना बिजनेस 15 अरब डॉलर था.

अमेरिका में साल 1991 में पिज्जा हट को फूड चेन कंपनी मैकडोनाल्ड से कड़ी टक्कर मिली. उस वक्त मैकडोनाल्ड ने नया प्रोडक्ट मैकपिज्जा लॉन्च किया और कस्टमर्स को होम डिलिवरी भी दी. लेकिन आर्थिक मंदी और कड़े कॉम्पिटिशन के बावजूद पिज्जा हट मुनाफे में रही. पिज्जा चेन में कंपनी की बिक्री दुनिया भर में दस प्रतिशत बढ़कर 5.3 अरब डॉलर हो गई. पिज्जा हट ने साल 1994 में ऑनलाइन ऑर्डर की सेवा शुरू की थी. ऐसा करने वाली वह पहली पिज्जा कंपनी थी.

जब ट्रंप की वजह से हुआ 3 करोड़ डॉलर का मुनाफा

जब पिज्जा हट ने अपना पहला स्टफ्ड क्रस्ट पिज्जा लॉन्च किया तो लगा कि यह आइडिया पूरी तरह फ्लॉप हो जाएगा. लेकिन साल 1995 में डोनाल्ड ट्रंप (मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति) और उनकी पूर्व पत्नी इवाना पिज्जा हट के विज्ञापन में नजर आए, जिसे देख अमेरिकी भी स्टफ्ड क्रस्ट पिज्जा खाने के लिए राजी हो गए. इस विज्ञापन से कंपनी को अतिरिक्त 3 करोड़ डॉलर का मुनाफा हुआ था.

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भारत में पुलिस प्रोटेक्शन में खुला था पहला रेस्टोरेंट

भारत में उस वक्त सियासी उठापटक का दौर चल रहा था. 1 जून 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी के बाद एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने थे. विदेशी कंपनियों को लेकर भारत के कुछ संगठनों में गुस्सा था. भारत में पिज्जा हट का पहला रेस्टोरेंट 18 जून 1996 को कर्नाटक के बेंगलुरु में खुला. कुछ प्रो-वेजिटेरियन समूहों और कर्नाटक राज्य रायथा संघ (KRRS) से खतरे और धमकियों के बीच रेस्टोरेंट के बाहर पुलिस बल तैनात किए गए थे. लोग अंदर पिज्जा का लुत्फ ले रहे थे तो बाहर पुलिस के जवान बंदोबस्त में लगे थे. दरअसल KRSS की हमले की धमकियों के कारण कंपनी ने पुलिस प्रोटेक्शन मांगी थी. आज भारत में ही पिज्जा हट के 422 आउटलेट्स हैं. कंपनी 2022 तक 200 और आउटलेट्स खोलना चाहती है.

1958 में 600 डॉलर से शुरू हुई एक छोटी सी दुकान आज 8.5 अरब डॉलर का इंटरनेशनल ब्रैंड बन चुकी है. कंपनी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से लेकर तंजानिया की 5895 मीटर ऊंची माउंट किलिमंजारो तक पिज्जा डिलिवर कर चुकी है. जिस 56 गज की बिल्डिंग में सबसे पहले पिज्जा हट शुरू हुआ था, उस इमारत को वहां से ले जाकर विशिटा स्टेट यूनिवर्सिटी के कैंपस में स्थापित कर दिया गया है. अब यह एक म्यूजियम है, जिसमें पिज्जा हट का इतिहास, मजेदार तथ्य और यादें हैं. ये सब हुआ दो भाइयों की कड़ी मेहनत और उस आइडिया से जो बेहद कम पूंजी में शुरू हुआ और बहुत बड़ा बन गया.

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