कॉल और पुट ऑप्शन क्या हैं?

शेयर बाजार में आप निम्न तरीके से शेयर्स खरीद-बेच सकते है:

  1. Equity Cash- इक्विटी कैश में आप अपनी मर्ज़ी के अनुसार शेयर्स खरीद सकते हैं, आप चाहे तो किसी भी कंपनी का एक या एक हज़ार शेयर्स खरीद सकते हैं।
  2. Futures- फ्यूचर्स में आपको शेयर्स लॉट में मिलते है, लॉट में पहले से निर्धारित संख्या में आपको शेयर्स खरीदने होते हैं।
  3. Options- ऑप्शन्स में भी आप लॉट्स खरीदते हैं, लेकिन फ्यूचर्स की तरह इसमें आपको पूरे लॉट की कीमत नहीं देनी होती है, बस थोड़े से प्रीमियम खर्च के साथ आप एक ऑप्शन लॉट ले सकते है। ऑप्शन्स में नुकसान लिमिटिड होता है। ऑप्शन्स 2 तरह के होते है:
  • कॉल ऑप्शन या CE – कॉल ऑप्शन आप तब खरीदते है, जब आप मार्किट में शेयर या इंडेक्स के ऊपर जाने की उम्मीद रखते हैं, उदाहरण के लिए मान लीजिये अभी TCS का शेयर 2000 रुपये पर कारोबार कर रहा है, और आपको लगता है कि आज TCS का शेयर 2040 तक ऊपर जा सकता है, और मान लीजिए 2040 CE की स्ट्राइक प्राइस अभी 10 रुपये है, तो इस केस में आप 2040 CE का कॉल ऑप्शन खरीदेंगे, तब यह 2040 CE आपको मात्र 250 × 10 (लॉट साइज × स्ट्राइक प्राइस) = 2500 रुपये में मिल जाएगा। यहाँ से शेयर 2040 की तरफ बढ़ता है तो आपको फायदा होगा, और नीचे गया तो नुकसान होगा।
  • पुट ऑप्शन या PE- पुट ऑप्शन आप तब खरीदते है, जब आप मार्किट में शेयर या इंडेक्स के नीचे जाने की उम्मीद रखते हैं, उदाहरण के लिए मान लीजिये अभी TCS का शेयर 2000 रुपये पर कारोबार कर रहा है, और आपको लगता है कि आज TCS का शेयर 1960 तक नीचे जा सकता है, और मान लीजिए 1960 PE की स्ट्राइक प्राइस अभी 10 रुपये है, तो इस केस में आप 1960 PE का पुट ऑप्शन खरीदेंगे, तब यह 1960 PE आपको मात्र 250 × 10 (लॉट साइज × स्ट्राइक प्राइस) = 2500 रुपये में मिल जाएगा। अब अगर शेयर गिरते हुए नीचे आता है तो आपको फायदा होगा, लेकिन 2000 से शेयर ऊपर की तरफ गया तो आपको नुकसान होगा।

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