शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? ? ये है 7 जवाब

पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे?

दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया.

अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं.

1. शुरुआत कैसे करें: 

शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे.

2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत: 

ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.

3. टॉप कंपनियों को चुनें: 

शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं.

4. निवेशित रहने की जरूरत:

 जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है.

5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर:

रिटेल निवेशक अक्सर सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो.

6. गिरावट में घबराएं नहीं:

शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं.

7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश:

शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें.

October 27, 2022Share Marketशेयर मार्केट में स्टॉक के दाम बढ़ने से ही नहीं बल्कि कंपनियों की ओर से दी जाने वाली डिविडेंड (लाभांश) से भी निवेशकों की बंपर कमाई होती है। रिजल्ट सीजन के दौरान डिविडेंड का भुगतान करने वाले स्टॉक शेयरधारकों के लिए आकर्षण बन जाते हैं क्योंकि इससे उनको एक्स्ट्रा आय होती है। डिविडेंड के प्रति लगाव और बढ़ जाता है जब बाजार में गिरावट रहती है। ऐसे में हम आपको 5 ऐसे स्टॉक बता रहे हैं जो सालाना आधार पर अपने निवेशकों को बैंक एफडी से अधिक रिटर्न दिए हैं। REC Ltd. आरईसी लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने शेयरधारकों को 5 रुपेय प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की है। आरईसी के शेयर आज लगभग 96.50 रुपये के भाव पर हैं। इसकी डिविडेंड यील्ड 5 फीसदी से ज्यादा है जो एक साल के एफडी से अधिक है। अगर हम आरईसी लिमिटेड की वार्षिक लाभांश को देंख तो कंपनी ने वित्त वर्ष 22 में कुल 13.30 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का लाभांश दिया है, जो कि लगभग 6 फीसदी का सालाना रिटर्न हुआ। यानी बैंक एफडी से ज्यादा इस शेयर ने अपने निवेशकों को लाभांश दिया है। SAIL पीएसयू स्टॉक सेल ने वित्त वर्ष 22 में प्रति इक्विटी शेयर 8.75 रुपये का कुल लाभांश दिया है। सेल ने वित्त वर्ष 22 में तीन बार, नवंबर 2021 में 4 रुपये और मार्च 2022 में 2.50 रुपये प्रति शेयर का  अंतरिम लाभांश दिया। नवरत्न कंपनी ने 2.25 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का अंतिम लाभांश दिया है। सेल के शेयर की कीमत आज लगभग 82 रुपये है जिसका मतलब है कि कंपनी का सालाना लाभांश  10.70 रुपये है, जो कि दीर्घकालिक ऋण म्यूचुअल फंड रिटर्न से काफी अधिक है। Power Finance Corporation or PFC पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन के शेयर के भाव वर्तमान में अपने 52-सप्ताह के उच्चतम 142.30 रुपये के स्तर से 22 प्रतिशत नीचे हैं। पीएसयू स्टॉक ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 12.25 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का लाभांश दिया है। इसने अपने शेयरधारकों को चार मौकों पर लाभांश का भुगतान किया। इसने अगस्त 2021, नवंबर 2021 और फरवरी 2022 में क्रमश: 2.50 रुपये, 2.50 रुपये और 6.0 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का अंतरिम लाभांश दिया। इसने FY22 के लिए 1.25 रुपये अंतिम लाभांश की भी घोषणा की। चूंकि पीएफसी शेयर की कीमत आज लगभग 110 रुपये है, वित्त वर्ष 22 के लिए इसकी वर्तमान वार्षिक लाभांश 11 प्रतिशत से अधिक है। PTC India पीटीसी इंडिया ने वित्त वर्ष 22 के दौरान प्रति इक्विटी शेयर 7.50 रुपये का लाभांश दिया है। इसने 2 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का अंतरिम लाभांश और 5.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का अंतिम लाभांश दिया। चूंकि पीटीसी इंडिया के शेयर 71.25 रुपये पर उपलब्ध हैं। ऐसे में इस सरकारी कंपनी ने लगभग 10.50 प्रतिशत की दर से डिविडेंड दिया है, जो औसत बैंक सावधि जमा ब्याज दर से काफी अधिक है। Coal India Ltd सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने वित्त वर्ष 22 में अपने शेयरधारकों को 17 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का लाभांश दिया है। इसने दिसंबर 2021 और फरवरी 2022 में अपने शेयरधारकों को 9 रुपये और 5 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के दो अंतरिम लाभांश दिए। बाद में, इसने अगस्त 2022 में 3 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की घोषणा की। कोल इंडिया लिमिटेड के शेयर की कीमत आज लगभग 240 रुपये है। इसका मतलब है कि इसकी वर्तमान वार्षिक लाभांश 7 प्रतिशत से अधिक है और यह बैंक एफडी से ज्यादा है। [...]
December 23, 2021Business / Share Marketआजकल मशरूम की खेती का बिजनेस ट्रेंड कर रहा है. बढ़ते डिमांड की वजह से लोग घरों में भी इसकी खेती करना शुरू कर दिए हैं. मशरूम फार्मिंग (Mushroom Farming) करके हर महीने काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं. इस बिजनेस के लिए आपको बहुत ज्यादा निवेश या जगह की जरूरत भी नहीं होती है. मशरूम फार्मिंग का बिजनेस (Mushroom Farming Business) सिर्फ एक कमरे से भी शुरू कर सकते हैं. और इसमें मुनाफा भी अच्छा होता है. मशरूम की खेती के लिए आपको 30 से 40 गज के प्लॉट में बने एक कमरे की जरूरत होगी, जिसमें कम्पोजट यानी मशरूम उगाने वाली मिट्टी और बीज का मिश्रण रखना होता है. यानी इस बिजनेस में आपको बहुत अधिक जगह की भी जरूरत नहीं होगी.  अगर आप भी मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बाजार में कम्पोजट आसानी से मिल जाएगा. इसके अलावा आप पहले से तैयार कम्पोजट भी खरीद सकते हैं. ध्यान रहे इन्हें आपको छाया में या कमरे में रखना होता है. इसके बाद 20 से 25 दिनों के अंदर मशरूम उगना शुरू हो जाते हैं. मशरूम की कीमत 100 से 150 रुपये प्रति किलो के बीच से कम नहीं होती है. इस बिजनेस में आपको निवेश ज्यादा नहीं करना होगा लेकिन इसमें मुनाफा बहुत ज्यादा है. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए कई संस्थान फार्मिंग ट्रेनिंग भी देते हैं, जिससे आप इस बिजनेस को और भी बेहतर तरीके से कर सकते हैं. इस बिजनेस की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें आप अपनी जेब के यानी अपने बजट के हिसाब से पैसा लगा सकते हैं. एक बार मशरूम उग जाने के बाद आप आसानी से अपने घर के अंदर ही इसकी पैकिंग भी कर सकते हैं. पैकिंग के बाद, इसे आप मंडी या ऑनलाइन बेच सकते हैं. इस तरह आप अपना बिजनेस एक बड़े स्तर पर शुरू कर सकते हैं. [...]
December 16, 2021Credit CardFree Credit into Slice Card you can use everywhere. slice — India’s best credit card challenger. Enjoy upto 2% rewards · Pay over 3 months for free · Lifetime free card. No joining fees, No annual fees, No hidden fees. Hello there, slice to meet you You got bills, we got a card to dice em up 🥋 slice is a truly no-fee VISA card designed to help you buy stuff and pay later whenever you want. slice offers credit limit from ₹2K to ₹10 lakh and helps you improve & build your credit score 👊 slice super card India’s best credit card challenger. instant rewards. Enjoy upto 2% cashback on every transaction. slice your bill in 3, for free. Shop anywhere and slice all your bills over 3 months without any extra charges. Experience simplicity, like never before. click here to download app https://links.sliceit.com/invite?rc=SPAY110749 Invite Code : SPAY110749 Register With New Account and Use my Slice Referral Code: SPAY110749Do a Transaction of any amount You will Get Free ₹300 Cashback in your Slice WalletThis Credit you can Use for Shopping, Recharge & Bill Payment [...]
September 29, 2021Share Marketपैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं. 1. शुरुआत कैसे करें:  शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे. 2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत:  ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. 3. टॉप कंपनियों को चुनें:  शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं. 4. निवेशित रहने की जरूरत:  जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है. 5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर: रिटेल निवेशक अक्सर सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो. 6. गिरावट में घबराएं नहीं: शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं. 7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. [...]
September 27, 2021BusinessEarn money with SBI ATM Franchise: अगर आप भी कम खर्च में स्वयं का बिजनेस करना चाहते हैं तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) आपको कमाई करने का मौका दे रहा है। देश का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक आपको घर बैठे कमाई का मौका दे रहा है। आइए जानते हैं हजारों रुपये कमाने के लिए आपको बिजनेस की शुरुआत कैसे करनी। SBI के नए बिजनेस आइडिया के जरिये आप घर बैठे आसानी से 60,000 रुपये महीना तक कमा सकते हैं। ATM फ्रेंचाइजी से कर सकते हैं हजारों की कमाई SBI की एटीएम फ्रेंचाइजी (SBI ATM Franchise) के जरिये पैसा कमा सकते हैं। SBI के एटीएम बैंक की जगह अलग-अलग कंपनियां लगाती हैं। बैंक ATM लगाने का कॉन्ट्रेक्ट अन्य कंपनियों को देती है। ये कंपनियां अपने हिसाब से ATM लगवाती हैं। आइए जानते हैं कि SBI ATM के लिए आपको क्या चाहिए होगा। 1- SBI ATM की फ्रेंचाइजी लेने के लिए आपके पास 50-80 स्‍क्‍वॉयर फुट की जगह होनी चाहिए। 2- एसबीआई बैंक के दूसरे एटीएम से उसकी दूरी 100 मीटर होनी चाहिए। 3- ये जगह ग्राउंड फ्लोर पर होनी चाहिए और अच्छी विजिबिलिटी वाली जगह होनी चाहिए। 4- यहां 24 घंटे बिजली की सप्लाई होनी चाहिए और 1 किलोवाट का बिजली कनेक्‍शन होना चाहिए। 5- यहां रोजाना की 300 ट्रांजेक्शन होनी चाहिए यानी ऐसा रिहाइश या कमर्शियल एरिया होना चाहिए की 300 ट्रांजेक्शन हो सके। 6- ATM की छत कंक्रीट की होनी चाहिए। 7- सोसायटी या अथॉरिटी से नो ऑब्‍जेशन सर्टिफिकेट चाहिए होगा। चाहिए होंगे ये डॉक्यूमेंट्स.. – ID प्रूफ के लिए आपके पास Aadhaar Card, Pan Card और Voter Card होना चाहिए। – एड्रेस प्रूफ के तौर पर आप राशन कार्ड और इलेक्ट्रिसिटी बिल दे सकते हैं। – बैंक में आपका अकाउंट और पासबुक होनी चाहिए। – एक फोटोग्राफ, ई-मेल आईडी और फोन नंबर चाहिए होगा। कैसे करना होगा SBI ATM के लिए अप्लाई (How To Apply For SBI ATM Franchise) ATM की फ्रेंचाइजी के लिए आप कंपनीयों की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। देश में ATM लगाने का कॉन्ट्रैक्ट Tata Indicash, Muthoot ATM और India One ATM के पास है। आप इनकी वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। ये है कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट Tata Indicash – www.indicash.co.inMuthoot ATM – www.muthootatm.com/suggest-atm.htmlIndia One ATM – india1atm.in/rent-your-space ये हैं नियम और शर्तें इन कंपनियों में टाटा इंडिकैश (Tata Indicash) 2 लाख रुपये की सिक्योरिटी डिपॉजिट पर फ्रेंचाइजी देती है, जो बाद में वापिस मिल जाती है। इसके अलावा 3 लाख रुपये वर्किंग कैपिटल के रूप में जमा कराने होंगे। कुल 5 लाख रुपये इन्वेस्ट करने होते हैं। कमाई के तौर पर हर ट्रांजेक्शन पर आपके 8 रुपये और नॉन कैश ट्रांजेक्शन पर 2 रुपये मिलते हैं। सालाना आपको 33 से 50 फीसदी तक ROI मिल जाएगा। आप महीने में 60 हजार रुपये तक कमा पाएंगे। [...]
September 26, 2021Mutual FundMutual Fund: यह वर्ष शेयर बाजार के शानदार रहा वहीं इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने भी बढ़िया प्रदर्शन किया. सेंसेक्स पहली बार 24 सितंबर 2021 को 60,000 का आंकड़ा पार कर गया. शेयर बाजार में यह तेजी दरअसल पिछले डेढ़ साल से जारी है. इसी दौरान म्यूचुअल फंड की ऐसी कई स्कीमें रहीं जिन्होंने पैसा तीन गुना से ज्यादा तक कर दिया है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों को बीते डेढ़ साल में 200% से लेकर 350% तक का रिटर्न मिला है. यह उन म्यूचुअल फंड का रिटर्न है, जिनकी एएमयू न्यूनतम 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है. हम आपको पिछले डेढ़ साल में निवेशकों को सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले म्यूचुअल फंड्स के बारे में बता रहे हैं:- क्वांट स्माल कैप म्यूचुअल फंड स्कीम (डेढ़ साल में 325% का रिटर्न)आईसीआईसीर्आ प्रू टेक्नोलॉजी म्यूचुअल फंड स्कीम (करीब 304% का रिटर्न)आदित्य बिड़ला डिजिटल इंडिया म्यूचुअल फंड स्कीम (करीब 254% का रिटर्न)टाटा डिजिटल इंडिया म्यूचुअल फंड स्कीम (करीब 250% का रिटर्न)क्वांट टैक्स सेवर म्यूचुअल फंड स्कीम (करीब 248% का रिटर्न)क्वांट एक्टिव म्यूचुअल फंड स्कीम (करीब 230% का रिटर्न)पीजीआईएम इंडिया मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीम (करीब 235% का रिटर्न)निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड स्कीम (करीब 221% का रिटर्न)कोटक स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड स्कीम कोटक (करीब 219% का रिटर्न)एसबीआई टेक्नोलॉजी म्यूचुअल फंड स्कीम (200% से ज्यादा का रिटर्न) [...]
September 26, 2021Mutual FundICICI Prudential NASDAQ 100 Index Fund invests in NASDAQ – 100 INDEX® giving exposure to 100 largest globally leading non-financial companies. It is an open ended index fund replicating the NASDAQ – 100 Index® Key Features NFO PeriodSeptember 27, 2021 to October 11, 2021Type of SchemeAn open ended index fund replicating the NASDAQ-100 INDEX®Plans/ OptionsPlans: Regular and DirectOptions: Growth & Income Distribution cum Capital Withdrawal (IDCW) (Payout & Reinvestment)Fund Manager DetailsPriyanka KhandelwalMinimum Application AmountRs. 1000/- ( plus in multiple of Re. 1)Minimum Additional Application AmountRs. 500/-( plus in multiple of Re. 1)Minimum Redemption AmountAny AmountExit LoadNilBenchmark IndexNASDAQ-100 INDEX® TRISIP/SWP/STPDURING NEW FUND OFFER PERIOD/ DURING ONGOING OFFER PERIOD:Daily, Weekly, Fortnightly, Monthly SIP$: Rs. 100/- (plus in multiple of Re. 1/-) Minimum installments: 6Quarterly SIP$: Rs. 5,000/- (plus in multiple of Re. 1/-) Minimum installments – 4$The applicability of the minimum amount of installment mentioned is at the time of registration only. Scheme Highlights ICICI Prudential NASDAQ 100 Index Fund 1.  Access to globally leading companies that maintain dominant positions in the market 2.  NASDAQ – 100 INDEX® has relatively lower correlation with Indian equity indices 3.  44 weightage in technology stockst 4.  The constituents of NASDAQ 100 INDEX® have grown the value of their patents by 900% s ince May 2007 5.  NASDAQ – 100 INDEX® has grown 4x times in last two decades 6.  With a market cap of $18T, this index has outperformed broad market in US 7.  NASDAQ – 100 INDEX® Price to Equity Ratio: 28.01 Price to Book Ratio : 4.91 8.  Nifty 50 Price to Equity Ratio: 26.45 & Price to Book Ratio: 4.33 Why Invest? ICICI Prudential NASDAQ – 100 Index Fund offers Diversification indexAccess to Global Companies listed on NASDAQ 100 INDEX ®NASDAQ – 100 INDEX® has performed well over the last 2 decadesPotential Hedge against Rupee Depreciation Vs DollarExposure to Big Tech StocksDirect Investment in Index ConstituentsTransparent and Index based InvestingGlobal Products and Services Catering to all age groups Click here to Download Presentation [...]
September 26, 2021Businessअगर आप लागत में कोई अच्छा बिजनेस करने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको एक ऐसा आइडिया दे रहे हैं, जिसे आप अपने एक छोटे से कमरे में शुरू कर सकते हैं और घर बैठे लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। कम पैसों में मशरूम की खेती (Mushroom Farming)  करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। घर की चार दीवारी (Earn money from home) में ही आपकी कमाई शुरू हो जाएगी और न ही इसके लिए कोई खास ट्रेनिंग लेने की जरूरत होती है। आप सिर्फ 5 हजार रुपये लगाकर भी यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं। होगी लाखों रुपये की कमाई मशरूम की खेती (mushroom farming) का बिजनेस काफी बढ़िया मुनाफे वाला है। इसमें लागत का 10 गुना तक का फायदा (Profit in mushroom Farming) हो सकता है।  पिछले कुछ सालों में मशरूम की डिमांड में भी तेजी आई है। ऐसे में मशरूम की खेती का बिजनेस काफी फायदेमंद हो सकता है। कैसे करें खेती अक्टूबर से मार्च के बीच इसकी खेती की जाती है। मशरूम बनाने के लिए गेहूं या चावल के भूसे को कुछ केमिकल्स के साथ मिलाकर कंपोस्ट खाद तैयार किया जाता है। कंपोस्ट खाद तैयार होने में महीने भर का समय लगता है। इसके बाद किसी सख्त जगह पर 6-8 इंच मोटी परत बिछाकर मशरूम के बीज लगाए जाते हैं, जिसे स्पॉनिंग भी कहते हैं। बीज को कंपोस्ट से ढक दिया जाता है। करीब 40-50 दिन में आपका मशरूम काटकर बेचने लायक हो जाता है। रोज काफी मात्रा में मशरूम मिलते रहेंगे। मशरूम की खेती खुले में नहीं होती है, इसके लिए शेड वाली जगह की जरूरत होती है। जिसे आप एक कमरे में भी कर सकते हैं। [...]
September 26, 2021Share Marketशेयर बाजार में आप निम्न तरीके से शेयर्स खरीद-बेच सकते है: Equity Cash- इक्विटी कैश में आप अपनी मर्ज़ी के अनुसार शेयर्स खरीद सकते हैं, आप चाहे तो किसी भी कंपनी का एक या एक हज़ार शेयर्स खरीद सकते हैं।Futures- फ्यूचर्स में आपको शेयर्स लॉट में मिलते है, लॉट में पहले से निर्धारित संख्या में आपको शेयर्स खरीदने होते हैं।Options- ऑप्शन्स में भी आप लॉट्स खरीदते हैं, लेकिन फ्यूचर्स की तरह इसमें आपको पूरे लॉट की कीमत नहीं देनी होती है, बस थोड़े से प्रीमियम खर्च के साथ आप एक ऑप्शन लॉट ले सकते है। ऑप्शन्स में नुकसान लिमिटिड होता है। ऑप्शन्स 2 तरह के होते है: कॉल ऑप्शन या CE – कॉल ऑप्शन आप तब खरीदते है, जब आप मार्किट में शेयर या इंडेक्स के ऊपर जाने की उम्मीद रखते हैं, उदाहरण के लिए मान लीजिये अभी TCS का शेयर 2000 रुपये पर कारोबार कर रहा है, और आपको लगता है कि आज TCS का शेयर 2040 तक ऊपर जा सकता है, और मान लीजिए 2040 CE की स्ट्राइक प्राइस अभी 10 रुपये है, तो इस केस में आप 2040 CE का कॉल ऑप्शन खरीदेंगे, तब यह 2040 CE आपको मात्र 250 × 10 (लॉट साइज × स्ट्राइक प्राइस) = 2500 रुपये में मिल जाएगा। यहाँ से शेयर 2040 की तरफ बढ़ता है तो आपको फायदा होगा, और नीचे गया तो नुकसान होगा।पुट ऑप्शन या PE- पुट ऑप्शन आप तब खरीदते है, जब आप मार्किट में शेयर या इंडेक्स के नीचे जाने की उम्मीद रखते हैं, उदाहरण के लिए मान लीजिये अभी TCS का शेयर 2000 रुपये पर कारोबार कर रहा है, और आपको लगता है कि आज TCS का शेयर 1960 तक नीचे जा सकता है, और मान लीजिए 1960 PE की स्ट्राइक प्राइस अभी 10 रुपये है, तो इस केस में आप 1960 PE का पुट ऑप्शन खरीदेंगे, तब यह 1960 PE आपको मात्र 250 × 10 (लॉट साइज × स्ट्राइक प्राइस) = 2500 रुपये में मिल जाएगा। अब अगर शेयर गिरते हुए नीचे आता है तो आपको फायदा होगा, लेकिन 2000 से शेयर ऊपर की तरफ गया तो आपको नुकसान होगा। [...]
June 1, 2021Share MarketThe face value of a stock represents the original cost of a single share of a company. Companies use the face value to declare dividends or stock splits since the market value of a stock keeps changing on a daily basis. The market value of a stock is the price that investors are willing to pay for a single share of a company. Meanwhile, share premium is the difference between the issue price and the face value of a stock. If a stock has a face value of ₹10, while the company launches its public issue at ₹60, the share premium is ₹50. [...]
May 22, 2021Share MarketBonus issue is extra shares given to shareholders free of cost. A bonus issue is a stock dividend, allotted by the company to reward the shareholders. These allotments typically come in a fixed ratio such as 1:1, 2:1, 3:1 etc. For a 3:1 bonus issue, shareholders will receive 3 shares free for every 1 share held. Stock Split divides the existing outstanding shares of the company into multiple shares. In a stock split in the 1:3 ratio, for every 1 share held, it will become 3 shares. The total market valuation of all the shares in totality held by the shareholder in both the cases will remain the same as before as share price will be reduced in the same ratio. So technically they won’t make much of a difference to an existing shareholder. Now it becomes interesting! In case of Bonus Issue there is NO change in the Face Value of a stock. But in case of Stock Split the Face Value reduces in the same ratio. When the company declares dividend, it is always declared on Face Value. Hence, a Shareholder will get double dividend as compared to the one in case of a Stock Split. Hence, Bonus is more rewarding than a Stock Split. [...]
May 20, 2021Share Marketबोनस शेयर का अर्थ है- अतिरिक्त शेयर बोनस शेयर क्या होता है? बोनस शेयर, कंपनी के CURRENT SHAREHOLDER को बिल्कुल FREE दिया जाने वाला अतिरिक्त शेयर होता है, जैसे –  रवि ने WIPRO कंपनी के 100 शेयर ख़रीदे हुए है, और कम्पनी 1:1 (1 शेयर के बदले 1 बोनस)  के अनुपात में, बोनस शेयर जारी करने की घोषणा करती है, तो ऐसे में रवि को 1 शेयर के बदले 1 बोनस यानी कंपनी द्वारा 100 शेयर के बदले 100 अतिरिक्त शेयर रवि को बिल्कुल फ्री में देगी, और इस तरह किशोर को 1:1 के बोनस शेयर मिल जाने से रवि के खाते में, बिना कुछ भी अतिरिक्त कीमत चुकाए कुल 200 शेयर हो जायेंगे, बोनस शेयर के सम्बन्ध में ध्यान देने वाली बाते Bonus Share बिल्कुल फ्री होता है,बोनस शेयर, हमेशा एक अनुपात (Ratio) में जारी किया जाता है, जैसे – 1:1 यानी (1 शेयर के बदले 1 बोनस) 2:1 यानी (1 शेयर के बदले 2 बोनस) 3:1 यानी (1 शेयर के बदले 3 बोनस) 4:1 यानी (1 शेयर के बदले 4 बोनस) किसी निवेशक के पास के पास पहले से उस कंपनी के जितने शेयर हैं उसी से तय होगा कि आपको कंपनी के कितने बोनस शेयर मिलेंगे, जैसे – 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर की घोषणा पर, अगर आपके पास सौ शेयर है, तो आपको उतने ही और यानि 100 शेयर और मिल जायेंगे, और आपके पास कुल शेयर हो जायेगा – 200बोनस शेयर के सम्बन्ध में सबसे खास बात जो हमें ध्यान देना चाहिए वो ये कि – बोनस शेयर जारी करने से निवेशक के पास “शेयर की संख्या” तो बढ़ जाती है, लेकिन “निवेश की राशी” नहीं बढती है, क्योकि बोनस शेयर जिस अनुपात में जारी किये जाते है, कंपनी उसी अनुपात में शेयर के भाव को कम कर देती है, जैसे – मान लीजिए किशोर ने WIPRO के 100 शेयर 1000 प्रति शेयर से ख़रीदा हुआ है, और इस तरह रवि ने कुल 1000 X 100 = 1 लाख रूपये निवेश किया हुआ है, अब मान लीजिए कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किया, तो रवि को कुल 100 एक्स्ट्रा शेयर, बोनस के रूप में मिल जायेंगे, और रवि के पास कुल 200 शेयर हो जायेंगे, लेकिन बोनस शेयर जारी होने पर कंपनी के शेयर PRICE भी 1:1 के अनुपात में कम हो जायेंगे, यानी शेयर का पहले price था 1000, जो अब घटकर हो जायेगा – 500 रूपये, और इस तरह रवि के द्वारा कुल निवेश की गई रकम होगी – 200 शेयर X 500 = 1 लाख रूपये, इस तरह आपने देखा कि – बोनस शेयर जारी होने से रवि के पास शेयर की संख्या तो दो गुनी यानी 100 से बढ़कर 200 शेयर हो गए , लेकिन दूसरी तरफ शेयर का PRICE 1000 रुपये से घटकर आधा यानी 500 रूपये प्रति शेयर हो गया, और इसका मतलब ये हुआ कि – रवि के पास सिर्फ संख्या में बढ़ने का फायदा हुआ, लेकिन उसे किसी तरह के पैसे मिलने के मामले में कोई लाभ नहीं हुआ BONUS SHARE से निवेशक को होने वाले फायदे शेयर की संख्या में वृद्धि – निवेशक के पास शेयर की संख्या बढ़ जाती है,अतरिक्त डिविडेंड का लाभ – शेयर की संख्या बढ़ने से निवेशक को ज्यादा शेयर पर डिविडेंड मिलने का लाभ होता है, जैसे – अगर ऊपर बताये गए एक्साम्प्ल में किशोर जिसके पास 100 शेयर है, और कंपनी अगर प्रति शेयर 2 रूपये का डिविडेंड देती है, तो रवि को कुल डिविडेंड मिलेगा – 100 x 2 = 200 लेकिन रवि  को 1:1 के अनुपात में 100 एक्स्ट्रा शेयर बोनस मिलने से, रवि  के पास कुल शेयर हो जायेंगे 200 और अब रवि को 200 शेयर पर डिविडेंड मिलेगा यानी – 200 x 2 = 400 रूपये, नए रिटेल निवेशक को लाभ – बोनस शेयर जारी होने पर कंपनी के शेयर प्राइस में कमी आ जाती है, जैसे ऊपर के एक्साम्प्ल में बोनस जारी होने से पहले WIPRO के शेयर का भाव था 1000 रूपये प्रति शेयर, और बोनस शेयर जारी होने के बाद WIPRO का शेयर का price हो जाता है – 500 इस तरह बोनस शेयर जारी होने से शेयर के भाव कम हो जाते है, जिस से नए और छोटे निवेशक भी आसानी से शेयर को खरीद सकते है, BONUS SHARE से कंपनी को होने वाले फायदे जब कंपनी के पास जमा cash reserve फण्ड बहुत बड़ा हो जाता है, तो इस reserve fund को कंपनी, नए बोनस शेयर जारी करके, अपने रिज़र्व फण्ड को पूंजी यानि कैपिटल में बदल देती है,कंपनी जब बोनस शेयर जारी करती है, तो उसके शेयर के भाव में कमी आ जाती है, जिस से ज्यादा से ज्यादा लोग उस कंपनी के शेयर को कम भाव में खरीद सकते है, और ज्यादा खरीद और विक्री होने से शेयर के मार्केट में cash liquidity बहुत अच्छी हो जाती है, COMPANY BONUS SHARE क्यों ISSUE करती है? Company द्वारा बोनस शेयर जारी करने का सबसे बड़ा कारण होते है, कंपनी के बढे हुए शेयर price को कम करना, जिस से की ज्यादा से ज्यादा निवेशक और आम निवेशक भी कंपनी के शेयर को खरीद सके, इसके आलावा कंपनी अपनी रिज़र्व फण्ड को जब अपनी पूंजी को बढाने के उद्देश्य से भी बोनस शेयर जारी करती है, भारत में बोनस शेयर जारी करने वाली कंपनी की लिस्ट आप आसानी से कंपनी कि वेबसाइट या फिर BSE/NSE की वेबसाइट या फिर MONEYCONTROL.COM की वेबसाइट पर जाकर ये चेक कर सकते है कि कौन कौन सी कंपनी कब बोनस शेयर जारी करने वाली है – Money Control बोनस शेयर check link BONUS SHARE – घोषणा (DECLARATION) और  CREDIT DATES Bonus Share की घोषणा के तुरंत बाद बोनस शेयर नहीं दिया जाता है, बल्कि बोनस की घोषणा और Demat account में वास्तव में बोनस Credit होने में कुछ समय लगता है, जिसे आप इस तरीके से समझ सकते है – १. Bonus Announcement Date : इस date पर बोनस देने की घोषणा कि जाती है, २.Record Date ; ये वो Date होता है, जिस date पर कंपनी अपने account books यानी Record Books में eligible shareholders की लिस्ट बनाती है, जिनको बोनस शेयर दिया जाना होता है, 3. Ex-Bonus Date : ये date रिकॉर्ड date से १ या दो दिन पहले का date होता है, और इस date पर जिन लोगो के account में शेयर होता है, उन्ही लोगो को बोनस शेयर दिया जाता है, 4. Bonus Share क्रेडिट date : ये वो date होता है, जिस दिन वास्तव में बोनस शेयर दिया, शेयर होल्डर के अकाउंट में क्रेडिट किया जाता है, [...]
May 18, 2021SBIएसबीआई की ऑनलाइन फैसिलिटी के जरिए आप बिना ब्रांच गए अपने अकाउंट में मोबाइल नंबर को अपडेट करा सकते हैं।  आइए जानते हैं कैसे अपडेट करा सकते हैं मोबाइल नंबर एसबीआई के साथ रजिस्ट्रर्ड मोबाइल नंबर को चेंज करने के लिए आपको एटीएम-डेबिट-कार्ड के साथ-साथ एक्टिवेटेड मोबाइल नंबर की जरूरत होती है। आप ओटीपी के जरिए मोबाइल नंबर को बदल सकते हैं।   आइए जानते हैं स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस (Step-by-Step Guide to Update Mobile no in SBI Account) 1. एसबीआई की वेबसाइट पर लॉग-इन करिए। 2. बाईं ओर दिए गए नेविगेशन मेन्यू से ‘My Accounts and Profile’ पर क्लिक कीजिए। 3. ड्रॉप डाउन मेन्यू से ‘Profile’ के ऑप्शन पर क्लिक कीजिए। 4. पर्सनल डिटेल्स/ मोबाइल पर क्लिक कीजिए।  5. अब प्रोफाइल पासवर्ड डालिए और उसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक कीजिए। 6. इसके बाद ‘Change Mobile Number-Domestic only (Through OTP/ATM/Contact Centre)’ के ऑप्शन पर क्लिक कीजिए। 7. अब एक नया पेज खुलकर सामने आएगा। यहां आपके ‘Personal Details-Mobile Number Update’ लिखकर सामने आएगा।  8. अब अपना मोबाइल नंबर डालिए। इसके बाद दोबारा अपना मोबाइल नंबर डालिए। इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक कीजिए।  9. इसके बाद एक पॉप-अप मैसेज आएगा। इस मैसेज ‘Verify and confirm your mobile number xxxxxxxxxx’ पर क्लिक कीजिए।  10. अब “OK” पर क्लिक कीजिए। 11. इसके बाद आपके स्क्रीन पर तीन विकल्प आएंगे- दोनों मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी के जरिए, इंटरनेट बैंकिंग रिक्वेस्ट अप्रुवल थ्रू एटीएम व अप्रुवल थ्रू कॉन्टैक्ट सेंटर। 12. आप दोनों नंबर पर प्राप्त ओटीपी के जरिए घर बैठे अपना मोबाइल नंबर चेंज करा सकते हैं। इस प्रोसेस में अहम यह है कि आपका दोनों (पहले से रजिस्टर्ड और जो नया नंबर आप अपडेट कराना चाहते हैं) मोबाइल नंबर ऑन होना चाहिए। [...]
May 18, 2021Crypto currencyबिटकॉइन क्‍या है? बिटकॉइन क्रिप्‍टोकरेंसी का एक प्रकार है, यह एक डिजिटल करेंसी है और करेंसी की यूनिट निर्माण को रेगूलेट करने तथा फंड ट्रांसफर को प्रमाणित करने के लिए इसमें एनक्रिप्‍शन टेक्निक का इस्‍तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसा धन है, जिसका कोई भौतिक स्‍वरूप नहीं होता लेकिन इसमें कई सारे कोड होते हैं। बिटकॉइन के बारे में सबसे ज्‍यादा रोचक बात यह है कि दुनियाभर के बहुत से केंद्रीय बैंकों ने इसे कानूनी मान्‍यता प्रदान नहीं की है। संक्षेप में कहें तो बिटकॉइन एक ऐसा धन है जिसकी कोई भौतिक उपस्थिति नहीं हैं और इसकी कोई सॉवरेन वैल्‍यू भी नहीं है। यह केवल एक डिजिटल और प्राइवेट करेंसी है। किसने की Bitcoin की खोज? इसके बारे में किसी को कुछ भी स्‍पष्‍ट तौर पर पता नहीं है। एक व्‍यक्ति जिसका नाम सतोशी नाकामोतो है उसने 2009 में बिटकॉइन की शुरुआत की। शायद यह सरकारी रेगूलेशन से मुक्‍त एक समानांतर करेंसी सिस्‍टम बनाने का एक प्रयास था। सतोशी नाकामोतो के पास वर्तमान में लगभग 7.5 अरब डॉलर की करेंसी होने का अनुमान है। बिटकॉइन कैसे काम करता है? एक्‍सचेंज पर ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी का उपयोग करते हुए बिटकॉइन का ट्रेड होता है। ब्‍लॉकचेन एक डिजिटल और सार्वजनिक लेजर है जिसके जरिये डिजिटल करेंसी में किए गए ट्रांजैक्‍शन को क्रोनोलॉजिकली और सार्वजनिक तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है। क्‍या है जो बिटकॉइन को वांंछनीय बनाता है? कुछ लोगों को मानना है कि चूंकि यह एक प्राइवेट और डिजिटल करेंसी है। इसके अलावा बिटकॉइन में ट्रेड करना किसी भी अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से मुक्‍त है। कोई भी इसे कभी भी खरीद सकता है और बिना किसी डिजिटल ट्रांजैक्‍शन फीस के ट्रेडिंग किया जा सकता है। यदि यह वास्‍तविक मुद्रा नहीं है तो यह कैसे काम करती है? बिटकॉइन का कोई कानूनी मूल्‍य नहीं है और इसके पीछे कोई फंडामेंटल नहीं है। लेकिन फि‍र भी कई ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे भारत में फ्लिपकार्ट और मेकमायट्रिप बिटकॉइन से अपने वाउचर प्रोग्राम को खरीदने की अनुमति देती हैं। पूरी दुनिया में ऐसे कई मर्चेंट्स हैं जो अपने उत्‍पादों या सेवाओं के बदले बिटकॉइन स्‍वीकार कर रहे हैं। आप बिटकॉइन से पिज्‍जा खरीद सकते हैं या ब्‍यूटी पार्लर में सर्विस हासिल कर सकते हैं। समस्‍या क्‍या है? समस्‍या यह है कि दुनिया के कई हिस्‍सों में बिटकॉइन गैरकानूनी है। चूंकि इसका कोई मूल्‍य नहीं है ऐसे में यह एक बुलबुले की तरह है और यह किसी भी समय फूट सकता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यदि ऐसा होता है तो वास्‍तविक धन के नुकसान के लिए कौन जिम्‍मेदार होगा। आप कैसे खरीद सकते हैं बिटकॉइन को? कोई भी बिटकॉइन को विभिन्‍न एप्‍स के माध्‍यम से खरीद सकता है। बिटकॉइन एक्‍सचेंज और इससे मिलतेजुलते नाम से कई एप बनी हुई हैं। यह एप लोगों को बिभिन्‍न मुद्रा में बि‍टकॉइन को खरीदने या बेचने की सुविधा देती हैं। Mt Gox सबसे बड़ा बिटकॉइन एक्‍सचेंज है। भारत में Zebpay, Coinsecure और Unocoin लोकप्रिय बिटकॉइन ट्रेडिंग एप्‍स हैं। [...]
May 17, 2021Banks / SBIस्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. अभी तक SBI ग्राहकों को अपनी बैंक शाखा बदलने के लिए बैंक के चक्कर लगाने पड़ते थे.  लेकिन अब SBI ने ग्राहकों के लिए एक खास सुविधा शुरू की है, जिसका लाभ उठाकर अब ग्राहक घर बैठे ही अपनी बैंक ब्रांच बदलवा सकते हैं.  कोरोना महामारी के कारण SBI ने बैंक के कामकाज का समय घटा दिया है साथ ही नकद लेन-देन से जुड़े कामों को छोड़कर अभी कई अन्य चीजों पर रोक लगाकर रखी गई गई है. ऐसे में SBI ने ग्राहकों को ऑनलाइन बैंक ब्रांच बदलने की सुविधा प्रदान की है.  कैसे ऑनलाइन बदलें अपनी ब्रांच अब आप इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) के जरिए भी अपनी SBI ब्रांच बदल सकते हैं.  आपको अपनी बैंक ब्रांच बदलने के लिए सिर्फ एक रिक्वेस्ट डालनी होगी, जिसके लिए आपको अपने ब्रांच कोड की जानकारी अवश्य होनी चाहिए.  आपको उस बैंक का ब्रांच कोड भी पता होना चाहिए, जहां आप अपना बैंक अकाउंट ट्रांसफर करवाना चाहते हैं.  क्या है प्रोसेस अपनी बैंक ब्रांच बदलने के लिए सबसे पहले आपको onlinesbi.com पर विजित करना होगा.इसके बाद आपको  ‘Personal Banking’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपको यहां पर अपनी इन्टरनेट बैंकिंग का यूजर नेम और पासवर्ड डालना होगा. इसके बाद आपको अपनी स्क्रीन पर दिख रहे ‘e-service’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपको ‘Transfer Savings Account’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपको वह अकाउंट सेलेक्ट करना होगा, जिसे आप ट्रांसफर करना चाहते हैं. इसके बाद आपको उस ब्रांच का ब्रांच कोड यानी IFSC कोड डालना होगा, जहां आप अपना अकाउंट ट्रांसफर करना चाहते हैं. इसके बाद आपको ‘Confirm’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा. आपको वह OTP भरकर ‘Confirm’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.यह प्रक्रिया पूरी होते ही आपका बैंक अकाउंट कुछ दिनों में दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.आप YONO SBI App के जरिए भी अपनी बैंक ब्रांच बदल सकते हैं.  [...]
May 15, 2021Banks / ID / Address ProofAadhaar Card मौजूदा समय में सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। आधार कार्ड में दर्ज हर जानकारी का अपेडेटेड होना जरूरी होता है। दरअसल, आधार कार्ड पते (Address) का भी एक मान्य दस्तावेज है। अगर आप अपना घर बदल रहे हैं, तो आपको आधार कार्ड में अपना नया एड्रेस जरूर अपडेट करा लेना चाहिए। Aadhaar Card में सबसे बड़ी सुविधा इस बात को लेकर होती है कि इसमें आप विभिन्न तरह के विवरण में ऑनलाइन तब्दीली करा सकते हैं। आधार कार्ड में दर्ज पते में भी किसी तरह के बदलाव के लिए ऑनलाइन रिक्वेस्ट की जा सकती है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार कार्ड धारकों को बिना किसी प्रुफ के भी पता अपडेट कराने की सुविधा देता है। आइए Aadhar card Address Update करने का स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस जानते हैं। स्टेप 1. सबसे पहले आप UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट https://uidai.gov.in पर लॉग ऑन करिए। स्टेप 2. अब ‘My Aadhaar’ मेन्यू में से ‘Address Validation Letter’ पर क्लिक कीजिए। स्टेप 3. इसके बाद एक नया पेज खुलेगा। स्टेप 4. अब यहां 12 अंक की आधार संख्या या 16 अंक की वर्चुअल आईडी प्रविष्ट कीजिए। स्टेप 5. अब वेरिफिकेशन के लिए ‘Captcha Code’ सबमिट करें। स्टेप 6. इसके बाद ‘Send OTP’ पर क्लिक करें। स्टेप 7. अब आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी प्रविष्ट कीजिए। स्टेप 8. इसके बाद वेरिफायर जैसे ही लिंक पर क्लिक करता है, उसे वेरिफिकेशन के लिए एक ओटीपी प्राप्त होगा।  स्टेप 9. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को एंटर कीजिए। स्टेप 10. इस सत्यापन के बाद आपको SMS के जरिए सर्विस रिक्वेस्ट नंबर (SRN) प्राप्त होगा। स्टेप 11. अब  ‘SRN’ के साथ लॉग-इन करिए। इसके बाद एड्रेस प्रीव्यू कीजिए और स्थानीय भाषा में दर्ज पता को जरूरत के हिसाब से एडिट कीजिए। अब डिक्लियरेशन पर टिक कीजिए और सबमिट बटन पर क्लिक कीजिए। स्टेप 12. अब स्थानीय भाषा में दर्ज पते को एडिट कीजिए और सेव बटन पर क्लिक कीजिए। स्टेप 13. एक बार फिर से डिक्लियरेशन पर टिक कीजिए और सबमिट रिक्वेस्ट पर क्लिक करिए। स्टेप 14. अब वेरिफायर के एड्रेस पर डाक से एक सीक्रेट कोड के साथ ‘एड्रेस वैलिडेशन लेटर’ भेजा जाएगा। स्टेप 15. एक बार फिर UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन करिए और ‘Proceed to Update Address’ के लिंक पर क्लिक कीजिए। स्टेप 16. अब आधार नंबर के साथ लॉग-इन करिए और ‘Update Address via Secret Code’ विकल्प को चुनिए। स्टेप 17. अब सीक्रेट कोड प्रविष्ट कीजिए, इसके बाद नए एड्रेस को प्रीव्यू कीजिए एवं ‘Submit’ बटन पर क्लिक कर दीजिए। [...]
April 10, 2021Banks / SBIभारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को बिना बैंक जाए, घर बैठे चेकबुक मंगाने की सुविधा दी हुई है। ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग के जरिए चेकबुक को अपने मनचाहे पते पर मंगा सकते हैं। इस सुविधा से वे लोग भी SBI चेकबुक की डिलीवरी पा सकते हैं, जो फिलहाल बैंक में रजिस्टर्ड कराए गए पते पर नहीं रह रहे हैं। घर बैठे चेकबुक पाने के लिए SBI नेट बैंकिंग का चालू होना जरूरी है। आइए जानते हैं कि कैसे आप इंटरनेट बैंकिंग से SBI चेकबुक ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं… ​ये है प्रॉसेस Use our Internet Banking service and request for a cheque book delivery to any address of your choice in a few simple steps. Watch the video to learn how.#SBI #StateBankOfIndia #ChequeBook #InternetBanking pic.twitter.com/Pq0suVXF7w — State Bank of India (@TheOfficialSBI) December 9, 2020 अपने यूजर नेम और पासवर्ड के जरिए SBI के नेट बैंकिंग www.onlinesbi.com अकाउंट में लॉग-इन करें।लॉग-इन के बाद ‘Request & Enquiries’ के विकल्प पर क्लिक करें।ड्रॉप डाउन मेन्यू से ‘चेक बुक रिक्वेस्ट’ के विकल्प पर क्लिक करें।नए पेज पर आपके अकाउंट से जुड़ी सारी जानकारी दिख जाएगी।आप जिस अकाउंट के लिए नई चेकबुक चाहते हैं, उसे सेलेक्ट करें।नए पेज पर आपको चेक लीफ की संख्या चुननी होगी यानी आप कितने चेक वाली चेकबुक चाहते हैं।एक विकल्प को चुनने के बाद ‘Submit’ पर क्लिक करें।अब नए पेज पर चेकबुक की डिलीवरी के लिए पसंद का एड्रेस चुनें। इसमें आपको तीन विकल्प मिलते हैं- पंजीकृत पता, लास्ट अवेलेबल डिस्पैच एड्रेस और नया पता। अपनी सुविधा के मुताबिक किसी एक विकल्प पर क्लिक करें।एड्रेस सेलेक्ट करने के बाद सबमिट पर क्लिक करें।चेक बुक रिक्वेस्ट पर क्लिक करें और आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी डालकर ‘Confirm’ पर क्लिक करें।इसके बाद आपकी चेकबुक रिक्वेस्ट सबमिट हो जाएगी और मैसेज शो होने लगेगा। ​इस फैक्ट को रखें याद यह बात याद रहे कि State Bank of India सेविंग्स अकाउंट खुलवाने पर फ्री मिलने वाली चेकबुक खत्म होने के बाद नई चेकबुक लेने पर कुछ चार्ज देना होता है। यह खाते में मौजूद क्वार्टरली एवरेज बैलेंस (QAB) के आधार पर अलग-अलग होता है और प्रति चेक के हिसाब से रहता है। इस फीस की डिटेल चेक लीफ (Cheque Leaf) की संख्या चुनते वक्त स्क्रीन पर शो होती है। अपनी जरूरत के अनुसार आप 25, 50 या 100 चेक लीव्‍ज की चेक बुक के लिए आवेदन कर सकते हैं. अकाउंट के प्रकार के अनुसार चेक बुक जारी करने के लिए फीस वसूली जा सकती है. सभी सेविंग बैंक अकाउंट के लिए 3 रुपये प्रति चेक लीफ चार्ज है. यह उन मामलों में है जिनमें पिछली तिमाही में क्‍वाटर्ली एवरेज बैलेंस (क्‍यूएबी) 25,000 रुपये से कम रहा है. – जिन अकाउंट में पिछली तिमाही में क्‍यूएबी 25,000 रुपये से ज्‍यादा है, उनमें चार्ज 2 रुपये प्रति चेक लीफ होगा. – सीनियर सिटीजन / सैलरी अकाउंट वालों के लिए हर साल 50 लीव्‍ज फ्री हैं. ​ऐसे भी पा सकते हैं SBI चेक बुक -मोबाइल बैंकिंग से अप्लाई कर -SMS फैसलिटी से अप्लाई कर -नजदीकी SBI ATM से अप्लाई कर -होम बैंक ब्रांच में जाकर [...]
February 24, 2021GOI Schemeदेश की राजधानी दिल्ली में सरकार ने बेटियों के जन्म, उनकी पढ़ाई को बढ़ावा देने और पुरुष-महिला लिंगानुपात को ठीक करने के लिए लाडली योजना शुरू की है. आप अपनी दो बेटियों के लिए दिल्ली सरकार की लाडली योजना की मदद ले सकते हैं. लाडली योजना में बच्चियों के जन्म और पढ़ाई के विभिन्न चरणों में सरकार उनके बैंक खाते में रकम जमा करती है जो बच्ची के 18 साल के होने के बाद उनकी जरूरत के हिसाब से निकाली जा सकती है. क्या है लाडली योजना?भारत के कई राज्यों में अब भी लड़कियों के साथ भेदभाव होता है. गर्ल चाइल्ड के साथ भेदभाव खत्म करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने साल 2008 से ही लाडली योजना शुरू की है.लाडली (Ladli) योजना के तहत बच्चियों को कुल 35-36,000 रुपये की सरकारी मदद चरणबद्ध तरीके से मिलती है जो बच्ची के 18 साल का होने तक बैंक में जमा रहती है. क्या है लाडली (Ladli) योजना का उद्देश्य?लड़कियों की सुरक्षा और समाज में लड़की के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए लाडली (Ladli) योजना की शुरुआत की गयी है. बच्चियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना भी लाडली (Ladli) योजना का उद्देश्य है. इसके साथ ही बच्चियों के जन्म के बाद उसका पंजीकरण कराने का ट्रेंड बढ़ाने और बच्चियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाडली (Ladli) योजना शुरू की गयी है. लाडली (Ladli) योजना की मदद से दिल्ली में खास तौर पर गर्ल चाइल्ड की शिक्षा को बढ़ावा देने में भी मदद मिली है. लाडली (Ladli) योजना के तहत मिलने वाले लाभ?दिल्ली सरकार की लाडली (Ladli) योजना के तहत अस्पताल में जन्म लेने वाली लड़की को 11,000, पहली कक्षा में दाखिले पर 5000, छठी, नौंवी, दसवीं व फिर 12वीं कक्षा में जाने पर 5-5,000 रुपये देने का प्रावधान है. दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि Ladli मामले पर बनी एक समिति ने अस्पताल में बच्चियों के जन्म पर 11,000 व घर में जन्म पर 10,000 की राशि को कम बताया है. इस समिति का तर्क है कि बच्ची की अच्छी परवरिश व खान पान के लिए Ladli के तहत अधिक राशि दी जानी चाहिए. लाडली (Ladli) योजना के तहत कैसे मिलता है लाभ? अगर कोई बच्ची राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में किसी अस्पताल/नर्सिंग होम में पैदा होती है तो उसे 11,000 रुपये का लाभ मिलता है.यदि कोई लड़की घर या किसी अन्य इलाके के अस्पताल में पैदा होती है तो वह Ladli के तहत 10,000 रु का लाभ पाने के योग्य है.लाडली (Ladli) योजना में 5,000 रुपये की सहायता कक्षा 1, कक्षा 6, कक्षा 9, कक्षा 10 और कक्षा 12 में बच्चियों के नामांकन के साथ मिलती है. लाडली (Ladli) योजना के लिए योग्यता आवेदक दिल्ली का निवासी होना चाहिए.बच्ची के परिवार की सालाना आय 1 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.लाडली (Ladli) योजना का लाभ परिवार में दो लड़कियों के जन्म पर ही मिल सकता है.बच्ची जिस स्कूल में पढ़ती है उसे दिल्ली सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए. लाडली (Ladli) योजना में आवेदन के लिए जरूरी कागजात दिल्ली में तीन साल से रहने का प्रमाण (राशन कार्ड, बिजली/पानी के बिल आदि)बच्ची के माता-पिता का आय प्रमाण पत्रबालिका का जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट)बच्ची के परिवार की तस्वीरआवेदक का जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति/जनजाति के मामले में)बच्चे और माता-पिता दोनों का आधार कार्ड लाडली (Ladli) योजना का लाभ पाने के लिए किससे संपर्क करें? आप भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से संपर्क कर सकते हैं.सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल से संपर्क करें.दिल्ली सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के कार्यालय से संपर्क करें. कब तक उठाया जा सकता है लाडली (Ladli) योजना का लाभ? अगर बच्ची ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है तो स्कूल में एडमिशन के 90 दिन के अंदर आवेदन करना जरूरी है.अगर बच्ची पैदा ही हुई है तो एक साल के अंदर लाडली (Ladli) योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है. कब निकाल सकते हैं लाडली (Ladli) योजना में मिली रकम?बच्ची के 18 साल का होने तक उसके बैंक अकाउंट में जमा रकम का प्रबंधन SBI लाइफ इंश्योरेंस कंपनी करती है. 18 साल का होने, 10वीं की परीक्षा पास कर लेने या 12 वीं कक्षा में एडमिशन के वक्त इस रकम को निकाला जा सकता है. अगर आप लाडली (Ladli) योजना का आवेदन फ़ॉर्म डाउनलोड करना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें: http://wcddel.in/pdf/LadliFormOct2015.pdf लाडली (Ladli) योजना के बारे में अधिक जानेंयदि आप लाडली (Ladli) योजना के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक करें: http://wcddel.in/ladli.html टोल फ्री नंबर लाडली (Ladli) योजना के बारे में किसी प्रकार की पूछताछ के लिए आप टोल फ्री नंबर से संपर्क करें: 180-022-9090आप लाडली (Ladli) योजना के बारे में दिल्ली सरकार के अतिरिक्त निदेशक से 011-23381892 नंबर पर भी जानकारी ले सकते हैं. [...]
January 17, 2021Insuranceलाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) में निवेश करना काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर आप बिना जोखिम के निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो एलआईसी की ‘जीवन उमंग’ पॉलिसी में निवेश कर सकते हैं। अगर आप फाइनेंशियल प्लानिंग करना चाहते हैं तो इस पॉलिसी में निवेश कर मोटा रिटर्न हासिल कर सकते हैं। यह एक एंडोमेंट प्लान है और इसमें 15 साल से लेकर 55 साल तक के उम्र के लोगों के लिए खरीदी जा सकती है। इस योजना की खासियत यह है कि इसमें 100 वर्ष की आयु तक कवर दिया जाता है। पॉलिसीधारक की मौत की सूरत में परिजनों को एकमुश्त राशि दे दी जाती है यानी पॉलिसीधारक की मृत्यु पर भुगतान किए गए प्रीमियम की राशि नॉमिनी को वापस मिलती है। इस पॉलिसी में प्रीमियम पेइंग टर्म 15, 20, 25 और 30 वर्ष है। प्रीमियम के खत्म होने तक सारी किस्त चुका देने पर पॉलिसीधारक को गारंटी के साथ न्यूनतम राशि दी जाती है। यानी कि अगर आप सभी किस्त सही समय पर जमा करेंगे तो आपको सारी किस्त चुकाने के बाद रिटर्न मिलता रहेगा। बीमा का 8 फीसदी रिटर्न जीवन भर के लिए हर साल मिलता रहेगा। उम्र: 25टर्म: 74पीपीटी: 15एडी और डीएबी: 900000डेथ सम एश्योर्ड: 900000बेसिक सम एश्योर्ड: 900000 फर्स्ट ईयर प्रीमियम 4.5% टैक्स के साथ:- वार्षिक: 74388 (71185 + 3203)अर्धवार्षिक: 37572 (35954 + 1618)त्रैमासिक: 18975 (18158 + 817)मासिक: 6325 (6053 + 272)वाईएलवी मोड एवरेज प्रीमियम/प्रतिदिन: 203 फर्स्ट ईयर प्रीमियम के बाद 2.25% टैक्स के साथ:- वार्षिक: 72787 (71185 + 1602)अर्धवार्षिक: 36763 (35954 + 809)त्रैमासिक: 18567 (18158 + 409)मासिक: 6189 (6053 + 136)वाईएलवी मोड एवरेज प्रीमियम/प्रतिदिन: 199 कुल अनुमानित देय प्रीमियम: 10,93,406अनुमानित रिटर्न 40 से 100 वर्ष की आयु तक या जीवन भर जीवित रहने तक: 72,000 रुपये सालाना 100 वर्ष की आयु जीवित रहने तक अनुमानित रिटर्नएसए: 90,00,00कुल बोनस: 85,72,500100 वर्ष की आयु तक अनुमानित रिटर्न: 94,72,500 मान लीजिए कोई व्यक्ति जिसकी उम्र 25 वर्ष है और वह 15 साल के प्रीमियम पेइंग टर्म प्लान (74 साल टर्म) विकल्प को चुनता है तो उसे कुल 10,93,406 का प्रीमियम भरना होगा। इस टाइम पीरियड के दौरान रोजाना 199 रुपये निवेश पर पॉलिसीधारक को कुल 94,72,500 रुपये अनुमानित रिटर्न मिलेगा। 15 साल तक प्रीमियम भरने के बाद 40 साल की उम्र से इस रकम का 8 फीसदी रिटर्न जीवन भर के लिए हर साल मिलता रहेगा जो कि सालाना 72,000 रुपये होगा। एलआईसी जीवन उमंग योजना की प्रमुख विशेषताएं: यह एंडॉमेंट के साथ साथ एक आजीवन बीमा योजना है।प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद बीमित रकम के 8% का लाभ – आजीवन अथवा 100 वर्ष की आयु तक।इस योजना के तहत सिंपल रिवर्सनरी बोनस के साथ साथ फाइनल एडिसन बोनस का लाभ।प्रीमियम, मृत्यु लाभ और परिपक्वता (मैचुरिटी) लाभ पर कर लाभ। एलआईसी जीवन उमंग योजना के तहत होनेवाले लाभ नीचे सूचीबद्ध तरीके से एलआईसी जीवन उमंग योजना के लाभ दिए गए हैं। मृत्यु लाभ: यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु “जोखिम प्रारंभ तिथि” से पहले होती है तो – भुगतान किए गए सभी प्रीमियम नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) को वापस कर दी जाती है।यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु “जोखिम प्रारंभ तिथि” के बाद होती है तो – नामांकित व्यक्ति को मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम की भुगतान की जाती है। यहाँ पर मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम का अर्थ निम्न में से सबसे अधिक है। वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणामूल बीमित रकम + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस मृत्यु लाभ कभी भी भुगतान किए गए सभी प्रीमियमों के 105% से कम नहीं होंगे। मृत्यु लाभ में उल्लिखित प्रीमियम में कर, राइडर प्रीमियम और अंडरराइटिंग फैसलों के कारण बढे हुए प्रीमियम शामिल नहीं है। सर्वाइवल लाभ: प्रीमियम भुगतान अवधि के पूर्ण होने के एक साल बाद से प्रत्येक साल पॉलिसीधारक को मूल बीमित राशि का 8% प्राप्त होना शुरू हो जाएगा। यह राशि उसे प्रत्येक वर्ष तब तक प्राप्त होती रहेगी जब तक वह 100 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाता ता है अथवा उसकी मृत्यु न हो जाती है, जो भी पहले हो। परिपक्वता लाभ: 100 साल की उम्र होने पर, पॉलिसीधारक को बीमित राशि + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस का भुगतान किया जाएगा। लोन की सुविधा: एक बार सरेंडर मूल्य प्राप्त करने के बाद आप इस योजना के तहत लोन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। लगातार 3 साल तक प्रीमियम भरने के बाद ही यह योजना सरेंडर मुल्य को प्राप्त करती है । लोन की राशि और ब्याज की दर लोन लेने के समय पर निर्भर करती है। आइए इस योजना को हम उदाहरण के साथ समझते हैं: मान लीजिए गौरव जिसकी उम्र 35 साल है, इस योजना में निम्नलिखित मानकों के आधार पर निवेश करता है। बीमित रकम =  Rs. 5,00,000योजना की अवधि = 100 – पालिसी में प्रवेश के वक्त की आयु = 100 – 35 = 65 वर्षप्रीमियम भुगतान की अवधि = 20 वर्ष इस आधार पर वार्षिक प्रीमियम रु 26,105 + कर होगा। चूँकि, योजना लेने के समय उनकी आयु 8 वर्ष से अधिक है, इसलिए जोखिम कवर तुरंत शुरू होगा। परिदृश्य 1 – मान लीजिए 7 साल तक प्रीमियम भुगतान करने के बाद गौरव की मृत्यु हो जाती है। उनके नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) को जो मृत्यु लाभ मिलेगा वो निम्न में से अधिक होगा। वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा = रु 2,60,105मूल बीमित राशि + सिंपल रिवेर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस = रु 5,00,000 + सिंपल रिवेर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस वास्तव में, प्रीमियम भुगतान की अवधि से पहले किसी भी समय अगर गौरव की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) को यही लाभ मिलेगा। परिदृश्य 2 – मान लीजिए योजना प्रारंभ होने के 22 सालों बाद गौरव की मृत्यु हो जाती है और उन्होंने अपने सभी 20 प्रीमियमों का भुगतान किया है। चूंकि उन्होंने पूरे 20 सालों तक अपने सभी प्रीमियमों का भुगतान किया है, इसलिए वे 20वें साल के बाद से हर साल सर्वाइवल लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे और वो इस प्रकार होगा। 20 वीं प्रीमियम भुगतान करने के 1 साल बाद = बीमित रकम का 8% = रु. 5,00,000 का 8% = रु. 40,00020 वीं प्रीमियम भुगतान करने के 2 साल बाद = बीमित रकम का 8% = रु. 5,00,000 का 8% = रु. 40,000 उनके नॉमिनी ( नामांकित व्यक्ति) को मृत्यु लाभ मिलेगा जो निम्न में से अधिक होगा। वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा = रु. 2,60,105मूल बीमित राशि + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस = रु. 5,00,000 + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस नोट:  प्रीमियम भुगतान की अवधि के बाद से हर साल गौरव को, मूल बीमित रकम का 8 % मिलता रहेगा. अर्थात जब तक गौरव 100 साल का न हो जाए अथवा उसकी मृत्यु न हो जाए उसे, हर साल Rs. 40,000 मिलता रहेगा.अगर प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद किसी भी समय गौरव की मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी को मृत्यु लाभ का भुगतान मिलेगा और पालिसी बंद हो जाएगी। अब हर साल कि प्रीमियम प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद जीवित है, उसे मूल बीमा राशि का 8% मिलेगा। उसे ये रुपये मिलेगा 40,000 तक जब तक वह 100 वर्ष की आयु तक या उसकी मृत्यु तक, जो भी पहले हो, तक पहुंच जाता है।इसके अलावा, यदि प्रीमियम प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद किसी भी समय मर जाता है, तो उसके नामांकित व्यक्ति को मृत्यु लाभ मिलेगा और पॉलिसी समाप्त हो जाएगी। परिदृश्य 3 – अगर गौरव 100 वर्ष की आयु तक जीवित रहता है। इस स्थिति में गौरव को प्रीमियम भुगतान की अवधि पूरी होने के बाद से प्रत्येक वर्ष सर्वाइवल लाभ के रूप में Rs. 40,000 मिलता रहेगा।  इसी के साथ वह परिपक्वता लाभ के लिए भी योग्य है, जो = बीमित राशि + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस। एलआईसी जीवन उमंग योजना के तहत मिलनेवाले अतिरिक्त लाभ इस योजना के तहत एक मामूली सा अतिरिक्त प्रीमियम भरकर निम्नलिखित राइडर का लाभ उठाया जा सकता है। दुर्घटना मृत्यु तथा दिव्यांगता लाभ राइडरदुर्घटना लाभ राइडरन्यू टर्म अस्सुरंस राइडरन्यू क्रिटिकल इलनेस लाभ राइडर एलआईसी जीवन उमंग योजना में सहभागी होने की शर्तें तथा प्रतिबन्ध  न्यूनतमअधिकतमबीमित रकमRs. 1,00,000कोई सीमा नहींप्रीमियम भुगतान की अवधि15,20,25 और 30 सालपालिसी टर्म100 – पालिसी में प्रवेश के समय की आयुप्रवेश आयु90 दिन55 सालप्रीमियम भुगतान के अंत में आयु30 साल70 सालप्रीमियम भुगतान मोड वार्षिक, छमाही, तिमाही और मासिक एलआईसी जीवन उमंग योजना की अतिरिक्त विशेषताएँ पॉलिसी का रिवाइवल: यदि ग्रेस पीरियड के बाद भी समय पर प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है, तो पॉलिसी बंद हो जाती है। आप अपनी इस बंद हुई पालिसी को पहले भुगतान किए गए प्रीमियम की तारीख से 2 साल के भीतर लेकिन परिपक्वता तारीख से पहले पुनः चालु करवा सकते हैं। इसके साथ ही आपको सारे बकाया प्रीमियम का भुगतान ब्याज (एलआईसी द्वारा निर्धारित किए गए ) के साथ करना पड़ेगा। पेड-अप वैल्यू: अगर तीन साल से कम तक के प्रीमियम का भुगतान किया गया है, और पालिसी को रिवाइव भी नहीं किया गया तो, ग्रेस पीरियड की एक्सपायरी के बाद योजना के अंतर्गत आनेवाले सारे लाभ बंद हो जायेंगे और किसी भी राशि का भुगतान पालिसीधारक को नहीं किया जाएगा। अगर कम से कम तीन साल तक प्रीमियम का भुगतान किया गया है, तो पालिसी बंद नहीं होगी बल्कि पेड-अप पालिसी में बदल जाएगी है और पालिसी अवधि के अंत तक जारी रहेगी।  पेड-अप पॉलिसी के तहत मृत्यु पर बीमित रकम को “डेथ पेड-अप बीमित रकम” नामक एक योग से घटा दिया जाएगा और वह [(भुगतान किए गए प्रीमियमों की संख्या / देय प्रीमियम की कुल संख्या) * मृत्यु पर मिलनेवाला बीमित रकम] के बराबर होगी । पेड-अप पॉलिसी के तहत परिपक्वता पर बीमित रकम “मैच्युरिटी पेड-अप बीमित राशि” नामक एक योग को कम कर दी जाएगी और वह [(भुगतान किए गए प्रीमियमों की संख्या / देय प्रीमियम की कुल संख्या) * (परिपक्वता पर बीमित रकम) के बराबर होगी। )]। योजना के सरेंडर करने पर: अगर आपने कम से कम तीन लगातार वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान किया है, तो आप पॉलिसी को किसी भी समय आत्मसमर्पण कर सकते हैं। पॉलिसी के सरेंडर करने पर, एलआईसी द्वारा गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू में जो अधिक हो उसका सरेंडर वैल्यू के रूप में भुगतान करेगी। स्पेशल सरेंडर वैल्यू समीक्षा योग्य है और IRDAI की पुर्व स्वीकृति से बीमाकर्ता द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाता है। पालिसी अवधि के दौरान भुगतान किया गया गारेंटीड सरेंडर मुल्य = (भुगतान किया गया कुल प्रीमियम) * (गारेंटीड सरेंडर वैल्यू फैक्टर) यहाँ पर गारेंटीड सरेंडर वैल्यू फैक्टर प्रतिशत में बताए जाते हैं जो कि पालिसी अवधि और पालिसी वर्ष जिसमें पालिसी खरीदी गई है, उसपर निर्भर करता है. फ्री लुक अवधि: यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी के “नियम और शर्तों” से संतुष्ट नहीं है, तो वह पालिसी को 15 दिनों के भीतर रद्द कर सकता है। पालिसी रद्द करने के बाद पालिसी धारक को स्टैंप ड्यूटी और राइडर शुल्क काटकर बाकी रकम वापस कर दी जाती है। [...]
January 14, 2021Share Marketक्या आपने गौर किया है कि कुछ लोग शेयर खरीदकर अपने डीमैट अकाउंट में रख लेते हैं, जबकि कुछ सुबह खरीदकर दोपहर बाद बेच देते हैं. दरअसल, दोनों अलग-अलग तरह की ट्रेडिंग है. आइए शेयरों में निवेश से जुड़ी अहम बातें जानने की कोशिश करते हैं. शेयरों की खरीद-बिक्री की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है. आप किसी ब्रोकरेज फर्म में अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर शेयरों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं.आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए. किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है. शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं? 1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading) इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं. Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है. 2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading) यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है. शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं. 3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है. अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं. 4. LONG TERM ट्रेडिंग जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है. अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं. आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं. [...]
January 14, 2021Techवर्तमान में ज्यादातर लोग किसी भी चीज के बारे में जानने के लिए Google का इस्तेमाल करते हैं। जाहिर आप भी करते होंगे। यदि आपसे पूछा जाए कि आप गूगल की कितनी ट्रिक्स के बारे में जानते हैं, तो आप शायद ही इसका जवाब दे पाएंगे। हम यहां आपको गूगल की कुछ ट्रिक्स के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आइए जानते हैं… Barrel Roll जैसे ही आप गूगल पर Barrel Roll लिखकर सर्च करेंगे, तो आपके सामने कई सारे लिंक आएंगे। इनमें से पहले लिंक को ओपन करें। यहां आपकी स्क्रीन 360 डिग्री घूम जाएगी। अगर आप Barrel Roll के आगे 10 लिखेंगे तो स्क्रीन 10 बार घूमेगी। Askew Tilt आप गूगल पर Barrel Roll लिखकर सर्च करेंगे, तो आपके सामने कई सारे लिंक आएंगे। इनमें से पहले लिंक को ओपन करें। यहां आपकी स्क्रीन टेढ़ी हो जाएगी। Festivus आप गूगल में Festivus लिखकर सर्च करेंगे, तो आपको आपकी स्क्रीन के लेफ्ट साइड में एल्यूमिनियम पोल दिखाई देगा। जो कि आमतौर पर नहीं दिखाई देता है। Zerg Rush जैसे ही आप गूगल पर Zerg Rush लिखकर सर्च करेंगे, तो आपके सामने कई सारे लिंक आएंगे। इनमें से पहले लिंक को ओपन करें। आपकी स्क्रीन पर कई रंगों की रिंग्स एक साथ ऊपर से नीचे की तरफ गिरेंगी और धीरे-धीरे आपकी स्क्रीन पर जो भी लिखा होगा वह डिलीट हो जाएगा।    Google का नया फीचर Google हाल ही में एक कमाल का फीचर लेकर आया है, जिसकी मदद से यूजर्स अपनी 2D फोटो को 3D में कन्वर्ट कर सकते हैं। Google की ओर से कहा गया है कि सिनेमैटिक फोटो के लिए मशीन लर्निंग टूल का इस्तेमाल किया जाएगा, जो फोटो की डेप्थ को मापकर किसी फोटो को 3D बना सकेंगे। उस वक्त भी संभव होगा, जब आपकी ओरिजिनल फोटो में कैमरा फोटो की डेप्थ को नही पहचान पाएगा। एक वर्चुअल कैमरे की मदद से एक एनिमेटेड स्मूथ पैनिंग इफेक्ट तैयार किया जाता है। इसी तरह के इफेक्ट को फिल्मों में देखा जाता है। Google फोटो आपके लिए एक ऑटोमेटिकली सिनेमैटिक फोटो तैयार करता है। के इस ऐप के इस्तेमाल के लिए जरूरी होगा कि आपका ऐप पूरी तरह से अपडेट हो। यह फीचर आपके फोटो ग्रिड के टॉप पर हालिया हाइलाइट्स के तौर पर उपलब्ध रहेगा। यूजर सिनेमैटिक फोटो को अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर कर पाएंगे। इस माह के शुरुआत में Google की तरफ से अपडेटेड कोलॉज डिजाइन को रोलआउट करना शुरू कर दिया जाएगा। हालिया रिफ्रेश्ड कोलॉज में AI का इस्तेमाल करके यूजर को आर्टिस्टिक डिजाइन, शानदार लेआउट उपलब्ध कराया जाएगा।  [...]
January 14, 2021Chanakya Niti / Success Storyअर्थशास्त्र के महान ज्ञानी रहे आचार्य चाणक्य ने कारोबार और व्यापारियों के लिए कई नीतियां बताई हैं, जिनके रास्ते पर चलकर व्यक्ति अपने बिजनेस में सफलता हासिल कर सकता है. आइए जानते हैं इन नीतियों के बारे में… समाने शोभते प्रीती राज्ञि सेवा च शोभते।वाणिज्यं व्यवहारेषु स्त्री दिव्या शोभते गृहे॥ > चाणक्य के मुताबिक एक कारोबारी को कभी भी नेगेटिव सोच मन में नहीं लाना चाहिए. सकारात्मक सोच से काम के क्षेत्र में जरूर सफलता मिलती है. > एक कारोबारी को जोखिम से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर सामना करना चाहिए. उसे अपने काम की पूरी जानकारी होनी चाहिए और उससे जुड़ी बेहतर रणनीति भी होनी चाहिए. साथ ही उसे समय-समय हो रहे कारोबार जगत के बदलावों से भी परिचित रहना चाहिए.> किसी भी बिजनेस में अकेले चलकर सफलता हासिल करने से बेहतर है कि कुछ सहयोगियों को साथ लेकर काम को अंजाम दिया जाए. जिस कारोबारी के अच्छे दोस्त होते हैं वो कामयाबी तेजी से हासिल करता है.> बिजनेस में व्यवहार कुशलता सबसे ज्यादा अहम मानी जाती है. अगर व्यक्ति में लोक व्यवहार की कुशलता हो तो बिजनेस में आने वाली छोटी-बड़ी बाधाएं ऐसे ही खत्म हो जाती हैं. [...]
January 14, 2021Loanकई बार अच्छे क्रेडिट स्कोर के बावजूद लोन नहीं मिल पाता है। इसके पीछे कुछ कारण होते हैं। जब भी किसी कर्जदाता को लोन के लिए आवेदन मिलता है, तो वह यह देखता है कि क्या कर्ज लेने वाला समय पर पूरे ब्याज के साथ लोन चुका पाएगा। कर्जदाता कई तथ्यों के माध्यम से यह बात पता करता है और अगर उसे कोई संदेह होता है, तो लोन में देरी हो सकती है या फिर लोन डील रद्द भी हो सकती है। आइए जानते हैं कि ऐसे कौन-से कारण हैं, जिनकी वजह से अच्छे क्रेडिट स्कोर को बावजूद लोन नहीं मिल पाता। आपकी आय लोन आवेदन में आवेदक की आय बहुत अधिक महत्व रखती है। जब भी किसी कर्जदाता को कोई लोन आवेदन मिलता है, तो वह आवेदक की पुनर्भुगतान क्षमता का आकलन करता है। यह आकलन मासिक आय, आश्रितों की संख्या और आय के स्रोत की स्थिरता के आधार पर किया जाता है। यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, लेकिन मासिक आय कम है, तो आपके लोन आवेदन के रद्द होने की संभावना बढ़ जाती है। आवेदक की उम्र लोन के लिए आवेदन करने वाले की उम्र काफी मायने रखती है। बहुत बार 60 साल से अधिक के लोगों का लोन मंजूर नहीं होता है। अपनी रिटायरमेंट आयु के पास आ चुके लोग अक्सर होम लोन या 15 से 25 साल की अवधि वाला लोन लेने के योग्य नहीं माने जाते। कर्जदाता को लगता है कि रिटायर होने के बाद कर्ज लेने वाला ईएमआई भरने में समर्थ नहीं रह पाएगा। आपकी जॉब से जुड़ी बातें ज्यादातर बैंक और वित्तीय संस्थान लोन आवेदक के लिए कम से कम दो साल के वर्क एक्सीरियंस की मांग करते हैं। इससे डिफॉल्ट होने का जोखिम कम हो जाता है। वहीं, अगर आप जल्दी-जल्दी नौकरी बदल रहे हैं, तो यह एक अस्थिर करियर की निशानी होती है। ऐसे लोगों की विश्वसनीयता कम आकी जाती है और आपकी लोन डील के रद्द होने की संभावना बढ़ जाती है। EMI और आय का रेशियो लोन डील को मंजूरी देते समय कर्जदाताओं द्वारा ईएमआई-इनकम रेशियो भी देखा जाता है। अगर कर्ज लेने वाले की कुल मौजूदा ईएमआई पुनर्भुगतान राशि उसकी मासिक आय के 50 फीसद से कम है, तो उसके नए लोन आवेदन के मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है। [...]
January 14, 2021Share MarketFACE VALUE हिंदी अर्थ है – अंकित मूल्य, फेस वैल्यू किसी स्टॉक/शेयर या करेंसी के ऊपर लिखा गया या कहें दर्शाया गया मूल्य होता है, आइये थोडा और DETAIL में समझते है, फेस वैल्यू क्या होता है? शेयर या स्टॉक क्या होता है, ये समझने के बाद हमें पता चल जाता है, कि सभी शेयर का एक अपना मूल्य होता है, और अगर वो शेयर या स्टॉक, स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती है, तो उस शेयर के PRICE रोजाना घटते और बढ़ते रहते है, लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि, हर स्टॉक का एक ऐसा PRICE भी होता है, जो कि रोजाना CHANGE नहीं होता है, और वो लगभग FIXED होता है, इस FIXED PRICE को उस शेयर FACE VALUE कहा जाता है, FACE VALUE और MARKET VALUE दोनों बिलकुल अलग अलग चीजे है, किसी शेयर का MARKET PRICE इस बात पर निर्भर होता है की उस शेयर की मार्केट में कितनी DEMAND है, लेकिन किसी SHARE का फेस वैल्यू एक ऐसा LEGAL PRICE होता है, जिसके आधार पर उस कंपनी के कुल शेयर मार्केट में जारी किये गए होते है, फेस वैल्यू को शेयर का वास्तविक मूल्य भी कहा जा सकता है, यानी जिस तरह रूपये के नोट पर 50 रूपये, 100 रूपये , 500 रूपये लिखे रहते है, वैसे हर शेयर का एक ऐसा प्राइस होता है, जो उस पर लिखा होता है, उसे हम FACE VALUE और हिंदी में अंकित मूल्य कहते है, यानी अगर आप किसी कंपनी का शेयर PHYSICAL FORM में प्राप्त करते है, तो उस शेयर पर एक मूल्य लिखा होगा, जो शेयर का फेस वैल्यू होगा, FACE VALUE किसी शेयर का ओरिजिनल वैल्यू, या उस शेयर का शुरूआती मूल्य (initial value) होता है, जिसके अनुपात में कंपनी की कुल पूंजी को डिवाइड किया गया होता है, ये भी कहा जा सकता है कि फेस वैल्यू का किसी कम्पनी के लिए शेयर का एकाउंटिंग वैल्यू है, जैसे – मान लीजिए किसी कंपनी की शुरूआती पूंजी 1 करोड़ है, और उस कंपनी को 10 लाख के शेयर में डिवाइड किया जाता है, तो ऐसे में उस कंपनी का शुरूआती शेयर का मूल्य होगा 10 रूपये (1करोड़/10 लाख), शेयर के इस इसी शुरुआती वैल्यू को उसका फेस वैल्यू कहा जाता है, फेस वैल्यू, PAR VALUE, AT PAR, AT PREMIUM, AT DISCOUNT FACE VALUE और AT PAR VALUE FACE VALUE को PAR VALUE भी कहा जाता है, दोनों एक ही है, और इसमें कोई अंतर नहीं है, अगर कोई शेयर अपने फेस वैल्यू पर मार्केट में बिक रहा है तो ऐसे में उस शेयर प्राइस को AT PAR कहा जायेगा, AT DISCOUNT या DISCOUNTED VALUE अगर कोई शेयर अपने फेस वैल्यू से कम में बिक रहा है, तो ऐसे में उस शेयर के PRICE को DISCOUNTED VALUE या AT DISCOUNT कहा जायेगा, AT PREMIUM या PREMIUM VALUE अगर कोई शेयर अपने फेस वैल्यू से अधिक मूल्य में बिक रहा है, तो ऐसे में उस शेयर के PRICE को PREMIUM VALUE या AT PREMIUM कहा जायेगा, FACE VALUE का इस्तेमाल आइये बात करते है कि एक इन्वेस्टर के लिए फेस वैल्यू को समझना कितना जरुरी है, और आखिर फेस वैल्यू का क्या इस्तेमाल है, एक निवेशक कंपनी के लिए FACE VALUE और CURRENT MARKET PRICE के मूल्यों में अंतर को समझना जरुरी है, कि CURRENT MARKET PRICE के मुकाबले फेस वैल्यू क्या है? साथ ही साथ इस बात को भी ध्यान रखना चाहिए कि कंपनी फेस वैल्यू का USE कंपनी इन सारे कामो के लिए करती है – DIVIDEND के PAYMENT के लिए- जब भी कंपनी डिविडेंड घोषित करती है, तो उसकी गणना FACE VALUE के ऊपर ही की जाती है,STOCK SPLIT के लिए– STOCK SPLIT का भी मुख्य आधार फेस वैल्यू होता है,SHARE BONUS देने के लिए– कंपनी द्वारा फेस वैल्यू के आधार पर ही शेयर बोनस की घोषणा भी की जाती है,कंपनी की ग्रोथ की गणना के लिए- अगर कंपनी की ग्रोथ की गणना करनी हो तो एक निवेशक आसानी से कंपनी के CURRENT MARKET PRICE की उसके फेस वैल्यू से तुलना करके एक निर्णय ले सकता है,कंपनी समापन या दिवालिया की स्थिति में शेयरहोल्डर को सिर्फ FACE VALUE के हिसाब से ही पूंजी की प्राप्त करने का अधिकार होता है,, स्टॉक का FACE VALUE कैसे चेक कर सकते है, किसी स्टॉक का फेस वैल्यू आपको कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट (BALANCE SHEET और SCHEDULE) से पता चलता है, और स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी को अपने फाइनेंसियल स्टेटमेंट पब्लिक डोमेन में रखने जोते है, आप नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर स्टॉक या EQUITY सेक्सन में स्टॉक सर्च करके आप उस शेयर का फेस वैल्यू चेक कर सकते है, SBI FACE VALUE आपNSEके इस लिंक पर जाकर स्टॉक सर्च करके कुछ इस तरह से फेस वैल्यू चेक कर सकते है, LINK [...]
January 14, 2021Share Marketअमूमन शेयर खरीदने के बाद अगर उसमें ग्रोथ आती है तो उसका फायदा निवेशकों को मिलता है. लेकिन क्या ऐसा हो सकता है कि एक ही जगह निवेश करें और उस पर 2 तरह से आपको मुनाफा हो. बहुत से लोगों को इस बारे में ज्यादा अंदाजा नहीं होगा. शेयर बाजार में यह भी संभव है. इस तरह का फायदा आप ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों में निवेश कर उठा सकते हैं. शेयर बाजार की चाल हर समय एक जैसी नहीं रहती है. बाजार में कभी तेजी आती है तो कभी छोटे सेंटीमेंट से भी बाजार नीचे आने लगता है. जब बाजार में गिरावट शुरू होती है तो कई शेयरों का भाव भी गिरने लगता है और निवेशकों का रिटर्न निगेटिव हो सकता है. ऐसे में निवेशकों के मन में डर भी बैठने लगता है. जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, कई बार वे इस कंडीशन में शेयर भी बेचने लगते हैं. अगर आप भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो डिविडेंड स्टॉक बेहतर विकल्प है. क्या है डिविडेंड? कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं. मुनाफे का यह हिस्सा वे शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं. इन्हें डिविडेंड यील्ड स्टॉक भी कहते हैं. गर इन कंपनियों के शेयर खरीदते हैं तो इसमें 2 तरह से फायदा होगा. Dividend Stocks: 2 तरह से फायदा एक तो फायदा यह होगा कि कंपनी होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्सा आपको देगी.दूसरी ओर शेयर में तेजी आने से भी आपको मुनाफा होगा. मसलन किसी कंपनी के शेयर में आपने 10 हजार रुपए निवेश किए हैं और एक साल में शेयर की कीमत 25 फीसदी चढ़ती है तो आपका निवेश एक साल में बढ़कर 12500 रुपये हो जाएगा.ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश का एक फायदा यह है कि आप अपने शेयर बेचे बिना भी इनकम कर सकते हैं. मुनाफे वाली कंपनियां देती हैं डिविडेंड आमतौर पर पीएसयू कंपनियां डिविडेंड के लिहाज से अच्छी मानी जाती हैं. जानकारों का कहना है कि अगर कोई कंपनी डिविडेंड दे रही है तो इसका मतलब साफ है कि उस कंपनी को मुनाफा आ रहा है. कंपनी के पास कैश की कमी नहीं है. डिविडेंड देने के ऐलान से शेयर को लेकर भी सेंटीमेंट अच्छा होता है और उसमें तेजी आती है. हालांकि ऐसे शेयर चुनते समय यह ध्‍यान रखना चाहिए कि निवेश उसी कंपनी में करें जिनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर ग्रोथ के साथ रेग्युलर डिविडेंड देने का हो. Dividend देने का फैसला ध्यान देने वाली बात है कि डिविडेंड देना है या नहीं, ये पूरी तरह कम्पनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के ऊपर निर्भर करता है, अगर  Board of Directors चाहे तभी कम्पनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है, डिविडेंड देने का फैसला कंपनी की Annual General Meeting (AGM) में बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर द्वारा किया जाता है, ध्यान देने वाली बात ये है कि – ज्यादातर कंपनी जो मार्केट में नए होते है, या जो इस पालिसी पर चलते है कि वे लाभ को वापस बिज़नस में ही लगा कर बिज़नस को और बढ़ाएंगे, ऐसी कंपनी डिविडेंड बहुत कम देती है, या नहीं देती है,  Dividend का कैलकुलेशन इस बात को खास ध्यान रखे कि डिविडेंड हमेशा शेयर के FACE VALUE पर दिया जाता है, और इसका कैलकुलेशन भी FACE VALUE पर ही किया जाता है, जैसे किसी स्टॉक का करंट मार्केट price है – 500 रूपये, लेकिन उस स्टॉक का फेस वैल्यू अगर 10 रूपये है, और कम्पनी 100 % डिविडेंड देने का फैसला करती है, तो इसका मतलब है शेयर का फेस वैल्यू है 10 रुपये, तो 100% डिविडेंड का मतलब है प्रति शेयर 10 रूपये का डिविडेंड मिलेगा, ध्यान रहे डिविडेंड का current MARKET PRICE से कोई लेना देना नहीं होता है, Dividend निवेशक को किस ACCOUNT में दिया जाता है, डिविडेंड उस BANK ACCOUNT में CREDIT होता है, जो हमारे DEMAT ACCOUNT में LINKED होता है, जिसमे शेयर होल्डिंग्स पड़ी हुई होती है, जैसे अगर मेरा आईसीआईसीआई बैंक का अकाउंट DEMAT ACCOUNT के साथ लिंक्ड है, और मेरे इस DEMAT ACCOUNT में TCS के शेयर क्रेडिटेड है, और अगर TCS, कंपनी डिविडेंड देने कि घोषणा करती है, तो मुझे मेरे आईसीआईसीआई बैंक के अकाउंट में डिविडेंड डायरेक्टली क्रेडिट हो जायेगा, कैसे किया  जाता है Dividend का भुगतान  डिविडेंट का निर्धारण प्रति शेयर के मूल्य के आधार निर्धारित है. डिविडेंट की घोषणा के बाद एक विशेष तिथि की इसका भुगतान कंपनी करती है. इस  तिथि को देय तिथि कहा जाता है. जब कंपनी लाभ कमाती है तो अपने लाभ को बचाकर रखती है और उसको अपने शेयर धारकों में वितरित करने  के फैसला करती है. कंपनी के निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद भुगतान के लिए शेयर के मूल्य, देय तिथि और रिकॉर्ड तिथि को जारी करती है. डिविडेंट छह प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार है – नकद डिविडेंट (Cash dividend) अधिकांश कंपनियां इस प्रकार के डिविडेंट का भुगतान करती हैं. यह नकद भुगतान है जिसे सीधे कंपनी से शेयरधारक के खाते में भेजा जाता है.  आमतौर पर भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है, लेकिन कभी-कभी भुगतान चेक के माध्यम से भी किया जा सकता है. स्टॉक डिविडेंट (Stock dividend) शेयरधारकों के लिए नए शेयर जारी करके स्टॉक लाभांश का भुगतान किया जाता है. सामान्य शेयरों में निवेश करने वाले लोग स्टॉक लाभांश भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं. इस डिविडेंट को Cash dividend से बेहतर माना जाता है. कंपनी शेयरधारकों की अपनी इच्छा के अनुसार स्टॉक डिविडेंट को नकदी में परिवर्तित करने का विकल्प देती है. संपत्ति डिविडेंट  (Asset dividend) कंपनियां शेयरधारकों को लाभांश के रूप में भौतिक संपत्ति, अचल संपत्ति और अन्य के रूप में गैर मौद्रिक भुगतान भी कर सकती है.  Scrip dividend जब कंपनी के पास डिविडेंट जारी करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं होती है तो कंपनी स्क्रिप (Scrip) डिविडेंट जारी कर्ट सकती है, यह एक तरह का वादा है, जो भविष्य में किसी तिथि को भुगतान करने की गारंटी देता है. लिक्विडेटिंग डिविडेंट  (liquidating dividend) जब कोई कंपनी बिज़नेस बन कर रही होती है तो वह अपने शेयरधारकों को liquidating dividend के रूप में भुगतान करती हैं. शेयरधारकों को उस कंपनी द्वारा किया गया यह अंतिम भुगतान होता है यह भुगतान शेयर की संख्या के आधार पर किया जाता है. विशेष डिविडेंट (Special dividend) जब कोई कंपनी अपनी  लाभांश भुगतान नीति  से अलग कोई डिविडेंट  का भुगतान करती है तो इसे  तो इसे  Special dividend कहा जाता है. इस  स्पेशल डिविडेंट का भुगतान तब किया जाता है, जब कंपनी अधिक लाभ कमाती  है. इसे अतिरिक्त लाभांश के रूप में जाना जाता है. यह डिविडेंट आम तौर पर सामान्य डिविडेंट की तुलना में अधिक होता है. Dividend Yield क्या होता है ? Dividend Yield एक फाइनेंसियल RATIO है, जो स्टॉक के डिविडेंड कमाने की क्षमता को दिखाता है,और इस तरह डिविडेंड यील्ड निवेशक को किसी स्टॉक के डिविडेंड कमाने की क्षमता और उसके शेयर के मार्केट प्राइस के बीच सम्बन्ध को बताता है, जैसे – मान लीजिए अगर INFOSYS कंपनी जिसके स्टॉक का FACE VALUE 5 रूपये, और मार्केट वैल्यू है 800 रूपये प्रति शेयर , और INFOSYS 200 % डिविडेंड की घोषणा करती है, इसका मतलब इनफ़ोसिस से मिलने वाला डिविडेंड होगा, शेयर के फेस वैल्यू का 200 % = 10 रूपये, और अगर Dividend Yield की बात की जाये तो, हमें शेयर के डिविडेंड वैल्यू को मार्केट वैल्यू से भाग देना होगा, इस तरह INFOSYS के शेयर का डिविडेंड यील्ड होगा = (10/800)*100  = .0125 X 100 = 1.25% और इस तरह INFOSYS का डिविडेंड यील्ड होगा = 1.25 % Dividend Announcement Date जब कोई कंपनी DIVIDEND देने की घोषणा करती है, तो डिविडेंड तुरंत ही नहीं दे दिया जाता है, बल्कि डिविडेंड की घोषणा और डिविडेंड के पेमेंट के बीच चार  प्रमुख DATES होते है, और अंतिम Date पर ही डिविडेंड का पेमेंट होता है, ये चार Date इस प्रकार है – Dividend declaration date- यह वो Date होता है, जिस दिन कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा अपने शेयर होल्डर को करती है,Last Cum-dividend date/.Ex-Dividend date – यह वो Date है, जो Last date होता है, इस Date के बाद अगर किसी ने स्टॉक या शेयर ख़रीदा है, तो उसे डिविडेंड नहीं मिलेगा, अगर आपको किसी स्टॉक का डिविडेंड पाना है, तो आपको इस Last Cum-dividend date से पहले उस स्टॉक को खरीदना होगा,Date of record या Record date – यह वो Date होता है, जिस दिन कंपनी अपने रिकॉर्ड बुक्स में ये देखती है, अभी उसके शेयर किन किन लोगो के पास है, इस Date पर कंपनी के रिकॉर्ड बुक में जिन लोगो का नाम रहता है, वही शेयर का डिविडेंड पाने के हक़दार होते है,Date of डिविडेंड Payment. – यह वो Date होता है, जब कंपनी द्वारा वास्तव में डिविडेंड का पेमेंट किया जाता है, डिविडेंड देने वाली कंपनी कैसे चेक करे आप इसे इन्टरनेट पर सर्च करके या कंपनी की वेबसाइट या फिर MONEY CONTROL की वेबसाइट पर नीचे दिए गए लिंक से पर जाकर डिविडेंड चेक कर सकते है – Moneycontrol.com लिंक ये कंपनियां देती है डिविडेंड देश में ऐसी कंपनियों की कमी नहीं हैं, जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर डिविडेंड देती हैं. ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों की सूची में कोल इंडिया, वेदांता लिमिटेड, बीपीसीएल, आईओसी, आरईसी, NMDC, NTPC और सोनाटा सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियां शामिल हैं. (Disclaimer: हम यहां निवेश की सलाह नहीं दे रहे हैं. यह डिविडेंड स्टॉक के बारे में एक जानकारी है. स्टॉक मार्केट के अपने जोखिम है. निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.) [...]
January 14, 2021Business / Motivational Stories / Penny Stocks / Share Market / Success Storyशेयर बाजार में निवेश करने वाला हर शख्स वॉरेन बफे को जरूर जानता है, जिन्हें शेयर बाजार का मास्टर माना जाता है। आइए जानते हैं उनके 5 टिप्स (Warren Buffett 5 investing tips), जिनसे वॉरेन बफे ने बनाया खूब पैसा। 1- सब लालची हो जाएं तो डरो, जब सब डरें तो लालची हो जाओ कोरोना काल में यूं लगा मानो लोगों ने वॉरेन बफे की इस टिप्स को खूब फॉलो किया। तभी तो, जब अर्थव्यवस्था कोरोना की गिरफ्त में थी और हर कोई डरा हुआ था यहां तक कि एक पल के लिए शेयर बाजार भी डरकर काफी गिर गया, तब निवेशक लालची हो गए। उन्होंने शेयर बाजार में इतना निवेश किया कि अब हर रोज नया रेकॉर्ड बन रहा है। 30 दिसंबर तक डीमैट अकाउंट की संख्या 5,87,90,930 हो गई, जो 2019 की तुलना में करीब 28 फीसदी अधिक थी। या यूं कहें कि सिर्फ 2020 में ही 1.28 करोड़ नए निवेशक जुड़ गए। 2- भले ही सॉक्स हों या स्टॉक्स, मैं क्वालिटी खरीदता हूं, जब उनके दाम कम होते हैं वॉरेन बफे सिर्फ क्वालिटी स्टॉक्स ही खरीदने में भरोसा करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि क्वालिटी चाहिए तो दाम चुकाना होगा। साथ ही क्वालिटी स्टॉक्स से शानदार रिटर्न मिलता है। कोरोना काल में वायरस के डर से करीब 180 अच्छे स्टॉक्स में शुरुआती 3 महीनों में ही 50 फीसदी तक की गिरावट देखी गई। वहीं करीब 300 स्टॉक्स में मार्च तक 40 फीसदी तक की गिरावट आ गई। बेहद कम कीमत पर अच्छे स्टॉक्स खरीदने का ये बहुत ही शानदार मौका था, जिसे निवेशकों ने खूब भुनाया। 3- मौका अचानक ही आता है, तो जब सोने की बारिश हो तो अपनी बाल्टियां निकाल लें जब मौका मिले तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए। एक-दो नहीं, बल्कि सेंसेक्स के करीब 260 शेयर दोगुनी कीमत के हो गए हैं। इस दौरान 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर जिन लोगों ने शेयर खरीदे थे, उन्होंने तगड़ा मुनाफा कमाया है। इस लिस्ट में लार्ज कैप से लेकर मिड कैप और स्मॉल कैप शेयर भी शामिल हैं। इंडसइंड बैंक ने 288 फीसदी का रिटर्न दिया, बजाज फाइनेंस 191 फीसदी चढ़ा। इसी तरह टाटा मोटर्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंडाल्को और टाटा स्टील जैसे शेयरों ने 150-180 फीसदी का रिटर्न दिया। 4- शेयर बाजार इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये एक्टिव लोगों से पैसा सब्र करने वालों को ट्रांसफर करता है अगर शेयर बाजार को देखें तो जो लोग सब्र कर के बैठते हैं, उन्हें शेयर बाजार में फायदा होता ही है। जनवरी में सेंसेक्स ने 41 हजार का ऑल टाइम हाई छुआ था, जिसके बाद मार्च में 25 हजार तक के स्तर तक जा गिरा, लेकिन बावजूद इसके सब्र करने वालों ने पैसा कमाया, क्योंकि अभी शेयर बाजार 47,800 के भी ऊपर जा पहुंचा है। कोरोना काल में तेजी से शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले बढ़े हैं, जिनमें अधिकतर निवेशक नहीं, बल्कि ट्रेडर हैं, जो जल्दी-जल्दी मुनाफा कमाते हैं और नुकसान झलते हैं और बाजार से निकल जाते हैं। 5- अगर आप निवेश नहीं कर रहे हैं तो आप गलती कर रहे हैं वॉरेन बफे कहते हैं कि समय के साथ-साथ चीजों की कीमत बढ़ती जाती है। महंगाई भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आज आप कुछ पैसों में जो चीज खरीद सकते हैं, कुछ साल बाद वही चीज उतने ही पैसों में नहीं खरीद सकते हैं। ऐसे में निवेश करना जरूरी है, ताकि आप कम से कम उस महंगाई को मात दे सकें। कोरोना काल में तो निवेश करने वालों ने खूब पैसा कमाया है। [...]
November 6, 2020Banks / Demat Account / Fixed Deposits / Mutual Fund / Post Office Scheme / Saving Accountsपैसा कमाने के लिए तरह-तरह के पापड़ बेलने पड़ते हैं। मगर इसके बावजूद अक्सर लोग अपनी जरूरतों और सपनों को पूरा नहीं कर पाते। कड़ी मेहनत के बाद भी इच्छाएं अधूरी रह जाती है। नौकरी करने वाले भी कम कमाई की दुहाई देते हैं। मगर इसका एक हल है। वो ये कि आप साइड इनकम का कोई जरिया तलाश करें। पर दिक्कत ये है कि साइड इनकम के लिए एक्सट्रा मेहनत लगेगी। हालांकि कुछ ऐसे भी रास्ते हैं जिनसे आप एक्स्ट्रा इनकम हासिल कर सकते हैं और वो भी बिना एक्स्ट्रा मेहनत के। हम यहां आपको ऐसे 3 बेहतरीन तरीकों के बारे में बताएंगे, जिनसे आप बिना किसी अतिरिक्त मेहनत के अच्छा पैसा कमा सकते हैं। ब्याज वाली योजनाएं एक बात ध्यान रखिए कि बिना मेहनत साइड इनकम के लिए निवेश ही एकमात्र रास्ता है। आप अच्छी जगह निवेश करें और कमाई करते रहें। हर महीने अपनी इनकम में से थोड़ा-थोड़ा निवेश करते रहें। आप ब्याज देने वाली स्कीमों में निवेश कर सकते हैं। बैंकों की तरफ ऐसी कई स्कीमें पेश की जाती हैं, जिनमें एफडी सबसे आम प्रोडक्ट है। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस ढेर सारी निवेश योजनाएं पेश करता है, जिनमें आप अपनी सहूलियत के हिसाब से निवेश कर सकते हैं। दूसरी बात जो पैसा आप निवेश करेंगे उस पर तो ब्याज मिलता ही है, समय के साथ ब्याज पर भी ब्याज बढ़ता चला जाता है। इसके लिए आपको सिर्फ ध्यान देना है कि सबसे ऊंची ब्याज दर कहां मिल रही है। दिवाली के खास मौके पर आप ऐसे निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। शेयर मार्केट वैसे तो शेयर बाजार बहुत जोखिम वाला है। मगर शेयर बाजार अच्छा मुनाफा भी दे सकता है। डिजिटल जमाने में आप बैठे-बैठे शेयरों में खरीदारी-बिकवाली करके अच्छा पैसा बना सकते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यहां केवल लंबी अवधि के लिए ही पैसा लगाना चाहिए। अगर शेयर बाजार में गिरावट आ भी जाए तो लंबे समय में इस गिरावट से शेयर बाजार उभर जाएगा। जैसा कि कोरोना संकट में हुआ। अहम चीज है सही शेयर चुनना। इसके लिए आप एक्सपर्ट्स, वित्तीय सलाहकार या ब्रोकिंग फर्म की मदद ले सकते हैं। अच्छे शेयर चुनने के लिए अपने स्तर पर भी रिसर्च की जा सकती है। सही शेयर हाथ में आ जाए तो आपकी संपत्ति बहुत जल्दी बढ़ सकती है। म्यूचुअल फंड किसी ब्याज देने वाली स्कीम या शेयर बाजार में आपको ठीक-ठाक रकम लगानी पड़ सकती है। मगर म्यूचुअल फंड में ऐसी कोई टेंशन नहीं है। इसमें एसआईपी के जरिए आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश कर सकते हैं। बता दें कि किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में गया पैसा (कुछ हिस्सा) भी शेयर बाजार में निवेश किया जाता है, मगर ये पैसा एक्सपर्ट्स और जानकार पूरी रिसर्च के आधार पर लगाते हैं। इससे जोखिम कम और मुनाफे की गारंटी बढ़ जाती है। अक्सर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि म्यूचुअल फंड में लंबे समय तक निवेश के लिए जल्दी निवेश शुरू करना चाहिए। जितना जल्दी निवेश शुरू किया जाए लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड में उतना ही ज्यादा फायदा मिलता है। [...]
September 5, 2020Banks / Loanभारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक यदि किसी बैंक लोन की किस्त या लोन 90 दिनों तक यानी तीन महीने तक नहीं चुकाया जाता तो उसे नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) मान लिया जाता है. अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले में यह सीमा 120 दिन की होती है. यानी अगर किसी लोन की ईएमआई लगातार तीन महीने तक न जमा की जाए तो बैंक उसे एनपीए घोषित कर देते हैं. एनपीए का मतलब यह है कि बैंक उसे फंसा हुआ कर्ज मान लेते हैं. एनपीए बढ़ना किसी बैंक की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता.  किसी लोन को ​एरियर यानी बकाया माना जाता है यदि उस पर ग्राहक मूलधन या ब्याज का भुगतान में चूक कर देता है. लेकिन यह चूक जब लगातार तीन महीने तक हो तो इसे एनपीए घोषित कर दिया जाता है. जितना  लोन एनपीए होता है उतना बैंक को अपने बहीखाते में प्रोविजनिंग करनी पड़ती है यानी उतनी राशि एक किनारे रखनी पड़ती है, उसे फंसा कर्ज मानते हुए. जब कई साल तक तक यह लोन नहीं मिलता तो बैंक उसे राइट-ऑफ कर देता है यानी बट्टा खाते में डाल देता है. इसकी 100 फीसदी प्रोविजनिंग कर दी जाती है. तब इसे पूरी तरह से बैंक के बहीखाते में नुकसान के रूप में दर्ज किया जाता है और यानी जितना कर्ज राइट-ऑफ हुआ उतना  प्रॉफिट में से घटा दिया गया. इसी वजह से जब नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे किसी बड़े डिफॉल्टर का कर्ज राइट-ऑफ  किया जाता है तो बैंकों को उस साल भारी घाटा होता है. क्या होता है NPA का कर्ज लेने वाले को नुकसान? अगर किसी कर्जधारक के लोन को एनपीए घोषित कर दिया जाए तो ऐसे कर्जधारकों की सिबिल रेटिंग खराब हो जाती है. सिबिल रेटिंग खराब होना बहुत नुकसानदेह है, क्योंकि ऐसे कस्टमर्स को आगे किसी भी बैंक से किसी भी तरह का लोन मिलना काफी मुश्किल हो सकता है. यही नहीं आजकल तो लोन की ब्याज दरें भी सिबिल रेटिंग से जुड़ गई हैं. कर्ज लेने वाले की अच्छी सिबिल रेटिंग हुई तो बैंक आपसे कम ब्याज लेंगे और खराब हुई तो ज्यादा ब्याज दर.  [...]
September 1, 2020InsuranceLIC की जीवन शिरोमणि (Jeevan Shiromani) पॉलिसी प्रोटेक्शन के साथ सेविंग्स की पेशकश भी करती है. यह नॉन लिंक्ड प्लान है, जिसमें न्यूनतम 1 करोड़ रुपए एश्योर्ड सम की गारंटी मिलती है. सम एश्योर्ड वो धनराशि है, जो कस्टमर को एक बीमा कंपनी की तरफ से निश्चित तौर पर मिलती है. आज हम आपको LIC की इस खास पॉलिसी के बारे में बता रहे हैं. लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन की जीवन शिरोमणि योजना (टेबल नंबर 847), 19 दिसंबर 2017 को शुरू की गई एक नई मनी बैक योजना है. यह एक नॉन-लिंक्ड, सीमित प्रीमियम पेमेंट मनी बैक योजना है. यह मार्केट से जुड़ी हुई लाभ वाली योजना है. यह योजना विशेष रूप से HNI (उच्च नेटवर्थ वाले) के लिए बनाई गई है. यह योजना गंभीर बीमारियों के लिए कवर भी प्रदान करती है और इसमें 3 वैकल्पिक राइडर्स भी उपलब्ध हैं. मृत्यु के बाद मिलता है फाइनेंशियल सपोर्ट जीवन शिरोमणि प्लान पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसीहोल्डर्स की अचानक मृत्यु के मौके पर उसकी फैमिली को फाइनेंशियल सपोर्ट मुहैया कराता है. इस पॉलिसी में पॉलिसीहोल्डर्स के सरवाइवल यानी जीवित रहने की स्थिति में निश्चित अवधि के दौरान पेमेंट की सुविधा दी गई है. इसके अलावा मैच्योरिटी पर भी एकमुश्त रकम दी जाती है. ये हैं सरवाइवल बेनिफिट सरवाइवल बेनिफिट यानी पॉलिसी होल्डर्स के जीवित रहने पर निश्चित भुगतान किया जाता है, जो इस प्रकार है-14 साल की पॉलिसी में 10वें और 12वें साल सम एश्योर्ड का 30-30 फीसदी.16 साल की पॉलिसी में 12वें और 14वें साल सम एश्योर्ड का 35-35 फीसदी.18 साल की पॉलिसी में 14वें और 16वें साल सम एश्योर्ड का 40-40 फीसदी.20 साल की पॉलिसी में 16वें और 18वें साल सम एश्योर्ड का 45-45 फीसदी. क्या है उम्र सीमा मैच्योरिटी पर अधिकतम उम्र 14 साल की पॉलिसी के लिए 69 साल; 16 साल की पॉलिसी के लिए 67 साल; 18 साल की पॉलिसी के लिए 66 साल; 20 साल की पॉलिसी के लिए 65 साल. प्रीमियम का भुगतान सालाना, छमाही, तिमाही या मासिक अंतराल पर किया जा सकता है. कितना मिलेगा लोन पॉलिसी टर्म के दौरान कस्टमर पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू के आधार पर लोन ले सकता है, जो LIC के नियमों और शर्तों के आधार पर मिलेगा. पॉलिसी लोन समय-समय पर तय किए जाने वाले ब्याज दर पर मिलेगा. यह ब्याज दर फिलहाल 9.5 फीसदी के आसपास है. गंभीर बीमारी का इलाज कवर किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में उपचार के लिए बेसिक सम एश्योर्ड का 10 प्रतिशत धनराशि का एकमुश्त भुगतान भी किया जाता है. इस पॉलिसी के माध्यम से आपको आसानी से लोन भी मिल जाता है, जिससे आप अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. हालांकि बीमारी पॉलिसी में उल्लिखित 15 बीमारियों में से होनी चाहिए. नियम और शर्तें न्यूनतम सम एश्योर्ड – 1 करोड़ रुपएअधिकतम सम एश्योर्डः कोई सीमा नहीं (बेसिक सम एश्योर्ड 5 लाख के मल्टीपल में होगा.)पॉलिसी टर्मः 14, 16, 18 और 20 सालकब तक जमा करना होगा प्रीमियमः 4 सालएंट्री के लिए न्यूनतम उम्रः 18 सालएंट्री के लिए अधिकतम उम्रः 14 साल की पॉलिसी के लिए 55 साल; 16 साल की पॉलिसी के लिए  51 साल; 18 साल की पॉलिसी के लिए 48 साल; 20 साल की पॉलिसी के लिए 45 साल. [...]
September 1, 2020Businessकोरोना काल ने समझा दिया है कि नौकरी का भरोसा छोड़ आत्मनिर्भर रहकर ही जीवन को अच्छे तरीके से बिताया जा सकता है. केंद्र सरकार भी लोगों को खुद का कारोबार शुरू करने पर जोर दे रही है. सरकार का फोकस एग्रीकल्चर सेक्टर पर है. यहां नए उद्यमियों के लिए कुछ नया करने के ढेर सारे मौके हैं. नियमित आमदनी कुछ ऐसे ही कामों के बारे में हम आपको समय-समय पर जानकारी देते रहते हैं, जो आपके लिए अच्छी और नियमित आमदनी का जरीया हो सकते हैं. यहां हम जानकारी दे रहे हैं मुर्गी पालन से जुड़े लेयर बर्ड फार्मिंग यानी अंडे के कारोबार के बारे में.  अंडे का कारोबार अंडे के कारोबार की लागत और आमदनी का पूरा गणित समझा रहे हैं  पोल्ट्री सेक्टर की नामी कंपनी वीएच ग्रुप (VH Group-Venky’s) के पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. एमएच जिलानी (Dr MH JILANI).     अंडे की डिमांड डॉ. एमएच जिलानी (Dr MH JILANI) बताते हैं कि अंडा पोषक तत्वों से भरपूर होता है और भारत में अंडा पूरे साल खाया जाता है. इसकी डिमांड हमेशा बनी रहने के चलते इसका कारोबार भी कभी मंदा नहीं पड़ता.   अंडे का फंडा डॉ. जिलानी बताते हैं कि चूजे से लेकर अंडा तैयार होने की पूरी प्रक्रिया में 16 हफ्ते लगते हैं. एक अंडा तैयार करने में लगभग 3.30 रुपये का खर्चा आता है और यह बाजार में 4.50 रुपये तक का बिकता है. यानी एक अंडे से सीधा 1.5 रुपये की बचत. अगर आप 10,000 लेयर बर्ड का फार्म शुरू करते हैं तो आपको फार्म शुरू करने से 4 महीने के बाद से करीब 15,000 रुपये की रोजाना आमदनी होगी.  10,000 मर्गी का फार्म एक एकड़ जमीन में पिंजरा तकनीक से मुर्गी फार्म शुरू किया जा सकता है. एक मुर्गी को पालने के लिए 0.8 वर्ग फुट जगह चाहिए. एक एकड़ जमीन पर केज फार्मिंग के लिए 350 रुपये वर्ग फुट का खर्चा आता है.   चूजे का खर्चा मुर्गी पालन का काम चूजों से शुरू किया जाता है. अच्छी वैरायटी का चूजा 42 रुपये का आता है. और यह जवान मुर्गी बनने तक (4 महीने) कुल 2.5 किलो दाना खाता है. 4 महीने बाद यह अंडा देना शुरू करता है.  एक साल में अंडा उत्पादन एक मुर्गी एक साल में 290 से लेकर 330 अंडे देती है. और अंडा देने के दौरान यह रोजना औसतन 110 ग्राम दाना खाती है. बाजार में अच्छी किस्म का मुर्गी दाना 22 रुपये/किलोग्राम तक मिलता है.   130 रुपये का खर्चा एक चूजे के मुर्गी बनने तक उस पर करीब 130 रुपये का खर्चा आता है. इसमें चूजे की कीमत, दाना और अन्य खर्चे शामिल हैं.  पूरे साल का मार्केट डॉक्टर जिलानी बताते हैं कि  एक मुर्गी अपने जीवन काल में 72 हफ्ते तक 290 से 330 तक अंडे देती है. अंडे का मार्केट सितंबर से लेकर जून तक जोरों पर चलता है. जुलाई और अगस्त में भी अंडे की डिमांड रहती है, मगर इन दिनों कुछ कम हो जाती है. Source : zeebiz.com 31/08/20 [...]

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